पाकिस्तान (Pakistan) आज जिस हाल में है वो उसका खुद का बनाया हुआ है। मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। उसके कई बड़े उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। खासकर टेक्स्टाइल इंडस्ट्री कुछ ही दिनों में बंद हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कई क्षेत्रों का भी यही हाल है। अब जिन्ना का देश महाकंगाल हो गया है। क्योंकि, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरते-गिरते अब पाताल तक पहुंच गया है। इस दौरान पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के बीच एक बार फिर से बातचीत शुरू हो गई है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज मिल भी जाए तो उसका आर्थिक संकट खत्म नहीं होने जा रहा है। वहीं पाकिस्तान के कई दिग्गज बिजनसमैन ने शहबाज सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाया नहीं गया तो करोड़ों की संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
दरअसल, उन्होंने शहबाज सरकार को सलाह दी है कि मैनुफैक्चरिंग से जुड़े मटिरियल को देश में आने दिया जो कई महीने से कराची के बंदरगाह पर पड़ा हुआ है। पाकिस्तान में करोड़ों लोगों के बेरोजगार होने से देश में भुखमरी का बड़ा संकट पैदा हो सकता है। पाकिस्तान के बंदरगाहों पर हजारों की तादाद में कंटेनर फंसे हुए हैं जिसमें कई बेहद जरूरी सामान लदे हुए हैं। पाकिस्तान इस समय विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी से जूझ रहा है। इसको देखते हुए आयात पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इससे अब पाकिस्तान में अब भारी तादाद में बेरोजगारी पैदा होने का खतरा बढ़ गया है।
मुल्क में हजारों फैक्ट्रियों में हुई तालाबंदी
पाकिस्तान (Pakistan) में डॉलर का रिजर्व 3 अरब डॉलर के आसपास पहुंच गया जो 1998 के बाद सबसे कम है। पाकिस्तान में अभी केवल जरूरी सामान जैसे खाद्यान और दवाओं के ही आयात को मंजूरी दी गई है। माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध तब तक लगा रहेगा जब तब कि पाकिस्तान सरकार आईएमएफ को कर्ज की भीख देने के लिए तैयार नहीं हो जाती है। वहीं आईएमएफ पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने से पहले कई तरह की शर्तें लाद रहा है। दरअसल, पाकिस्तान कर्ज लेकर घी पीने का आदी हो गया है, यही वजह है कि आईएमएफ (IMF) कर्ज देने से पहले अरबों रुपये का टैक्स लगाने के लिए कह रहा है।
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पाकिस्तान में डॉलर संकट की वजह से कई उद्योग जैसे स्टील, कपड़ा उद्योग और दवा उद्योग लगभग बंद हो गए हैं। इससे हजारों की तादाद में फैक्ट्रियों में ताला लग गया है। इससे देश में भारी संख्या में बेरोजगारी का संकट पैदा हो गया है। साथ ही पाकिस्तान का आर्थिक संकट भी और ज्यादा बढ़ने जा रहा है। स्टील इंडस्ट्री को स्क्रैप मेटल नहीं मिल पा रहा है जिससे सप्लाइ चेन की समस्या पैदा हो गई है।
मात्र 3 सप्ताह के आयात के लिए डॉलर
पाकिस्तान में हर महीने 15 करोड़ डॉलर का स्टील से जुड़ा आयात किया जाता है। पाकिस्तान में इस समय विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 2.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इससे मात्र 3 सप्ताह का ही आयात किया जा सकता है। इससे अब विनिर्माण उद्योग के भी ठप होने का खतरा पैदा हो गया है जो बड़ी तादाद में लोगों को नौकरी देता है। पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता देश की अर्थव्यवस्था के लिए तबाही का सबब बन गई है। पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है और रुपया भी रसातल में पहुंच गया है।