पाकिस्तान (Pakistan) में इस वक्त भयानक अफरा तफरी मची हुई है। मुल्म में एक साथ कई चीजों की भारी कमी है। एक ओर जरूरत के सामनों की भारी कमी के चलते इनके दामों में अच्छी-खासी वृद्धी आ गई है तो वहीं दूसरी ओर विदेशी कर्ज बढ़ता जा रहा है। विदेश कर्ज के चलते पाकिस्तान इस वक्त दिवालिया होने के कगार पर है। ऐसे में शहबाज सरकार ने सरकारी संपत्तियों को बेचनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने कतर से भी भारी मात्रा में कर्ज लिया है। चाल साल पहले पाकिस्तान सरकार ने इन पावर प्लांट्स को 1.5 बिलियन डॉलर के बदले प्राइवेट हाथों में सौंपने का फैसला किया था। अब उन्हें प्राइवेटाइजेशन वाली लिस्ट से हटा दिया गया है। इसका उद्देश्य कतर को एक सीधे सौदे में इन सरकारी संपत्तियों को बेचना है ताकि आने वाले दिनों में पाकिस्तान डिफॉल्टर के खतरे से बच सके।
आलम यह है कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) अब अपने आयात का पेमेंट नहीं कर पा रहा है। आयात किया जाने वाला ज्यादातर सामान बंदरगाह पर ही पड़ा है। लेकिन अब संभव है कि पाकिस्तान के बंदरगाहों पर जहाज आना-जाना ही बंद हो जाएं। जहाज एजेंट्स ने सरकार को आगाह किया है कि विदेशी शिपिंग कंपनियां पाकिस्तान के लिए अपनी निर्यात सर्विस बंद करने पर विचार कर रही हैं। क्योंकि डॉलर की कमी के कारण बैंक उनका माल ढुलाई का पेमेंट नहीं कर रहा है। अगर शिपिंग लाइन बंद हो जाती है तो सामान बेच कर जो डॉलर पाकिस्तान पा रहा है, वह भी नहीं मिलेगा।
दरअसल, पाकिस्तान के सीमावर्ती देशों को अगर छोड़ दें तो लगभग सभी देशों से व्यापार समुद्र के जरिए होता है। इसमें किसी भी तरह की रुकावट पाकिस्तान के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। पाकिस्तान शिप एजेंट्स एसोसिएशन (PSAA) के अध्यक्ष अब्दुल रऊफ ने वित्त मंत्री इशाक डार को एक पत्र लिख कर चेतावनी दी है। एसोसिएशन ने कहा कि पाकिस्तान में विदेशी शिपिंग कंपनियां अपना व्यापार समेटने का मन बना रही हैं।
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समुद्री व्यापार में भारी परेशानी
इस दौरान अब्दुल रऊफ ने संबंधित मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया है कि वे शिपिंग लाइन को चालू रखने के लिए हस्तक्षेप करें। उन्होंने आगे लिखा, ‘पाकिस्तान का विदेशी व्यापार शिपिंग लाइन पर निर्भर है। पेमेंट न होने से समुद्री व्यापार में बाधा आनी शुरु हो गई है।’ जहाजों में कंटेनर सबसे महंगे होते हैं। तरल पदार्थ या अनाज को निर्यात करने में सामान्य तौर पर इनकी जरूरत नहीं होती है। पाकिस्तान की सरकारी नेशनल शिपिंग कंपनी (PNSC) के पास केवल 12 जहाज हैं और इनसे वह सिर्फ कच्चे तेल और अन्य पेट्रोलियम ईंधन का आयात करता है। पाकिस्तान का वार्षिक भाड़ा बिल लगभग 5 अरब डॉलर है। जहाज एजेंट्स के मुताबिक वर्तमान स्थिति के कारण शिपिंग क्षेत्र पहले से ही आर्थिक उतार-चढ़ाव को देख रहा है। उनकी पेमेंट न होना किसी भी बाहरी व्यापार को बाधित करेगा।