भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी की इस यात्रा पर पाकिस्तान (pakistan) और चीन में बेचैनी साफ देखी जा रही है। चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने तो कई लेख लिखकर अपनी बौखलाहट का प्रदर्शन किया है। जबकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी कहा है कि अगर पाकिस्तान की कीमत पर भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती नहीं बढ़ रही है तो ‘हमें कोई दिक्कत नहीं है।’ इस बीच एक पाकिस्तानी विश्लेषक और पत्रकार हमजा अजहर सलाम ने पाकिस्तान को पीएम मोदी से कूटनीति सीखने की सलाह दी है।
द पाकिस्तान डेली अखबार के संपादक हमजा अजहर ने पीएम मोदी और दुनिया के शीर्ष अरबपतियों में शामिल एलन मस्क के बीच मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की। हमजा ने कहा, ‘पाकिस्तान (pakistan) को भी पीएम मोदी की नीति का पालन करना चाहिए और उनकी हालिया कूटनीतिक यात्राओं से कूटनीति को सीखना चाहिए। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने एलन मस्क से बात की। मस्क तकनीक की दुनिया में एक वैश्विक लीडर हैं। वहीं दुनिया के साथ योगा कर रहे हैं जो भारत की साफ्ट पावर की छवि को दर्शाता है। पाकिस्तान को भी साफ्ट पॉवर की जरूरत है।’
Pakistan should take a page out of Modi’s book and learn diplomacy from his recent trip. #Modi engaged with @elonmusk cementing India as a global tech leader whilst also conducting yoga evangelism in Trafalgar Square, London, depicting India’s soft image. 🇵🇰 needs SOFT POWER! pic.twitter.com/0TrQaosgsm
— Hamza Azhar Salam (@HamzaAzhrSalam) June 21, 2023
भारत ने विश्व स्तर पर खास पहचान बनाई
इतना ही नहीं कई और पाकिस्तानी विश्लेषकों ने पीएम मोदी की कूटनीति की तारीफ की है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने एक खंडित दुनिया को एक साथ लाने के उद्देश्य से यूं तो विभिन्न प्रकार की पहल की हैं लेकिन बुधवार को मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने अपनी सार्वभौमिक स्वीकृति के साथ विश्व स्तर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। इस वार्षिक आयोजन में योग गतिविधियों का समर्थन करने और इसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में राष्ट्रों को एक साथ आते देखा गया है।
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पीएम मोदी ने 9 साल में की हैं ये वैश्विक पहल
प्रधानमंत्री के रूप में अपने नौ वर्षों के दौरान मोदी द्वारा की गई कुछ अन्य वैश्विक पहल इस प्रकार हैं मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष: वर्ष 2023 को मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईएम) के रूप में घोषित करने का आह्वान मोदी ने किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीकार कर लिया गया। मोदी ने आईवाईएम 2023 को जन आंदोलन बनाने के अपने दृष्टिकोण को भी साझा किया है। अधिकारियों ने कहा कि इस पहल ने स्थायी कृषि, पोषण और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने में मोटे अनाजों के महत्व पर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि आईवाईएम के दौरान प्रधानमंत्री के प्रयास सतत कृषि, पोषण और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने में बाजरा के महत्व को उजागर करने के लिए वैश्विक मोटा अनाज (श्री अन्न) सम्मेलन में दुनिया को एक साथ ले आए।