पाकिस्तान (Pakistan) के दोस्त और भारत के दुश्मन देश तुर्की भारत के लिए टेंशन बढ़ने वाले हैं। जी हाँ, तुर्की ने पाकिस्तान को एक और युद्धपोत सौंपा है। पाकिस्तान के प्रधामंत्री शहबाज शरीफ और तुर्की के उपराष्ट्रपति केवडेट यिलमाज ने साथ में मिलकर कराची शिपयार्ड में चौथा MILGEM क्लास कार्वेट पीएनएस तारिक नौसेना को सौंपा है। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में शुरू किए गए MILGEM प्रोजेक्ट में पाकिस्तानी नौसेना के लिए चार कोर्वट तैयार किए जाएंगे। इनमें से दो युद्धपोत पाकिस्तान में तो दो तुर्किये में तैयार होंगे। इससे पहले नवंबर 2022 में शहबाज ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ नौसेना को कोवर्ट युद्धपोत पीएनएस खैबर सौंपा था।
MILGEM कोवर्ट जहाज फरवरी 2025 में पाकिस्तान की नौसेना को सौंप दिया जाएगा
इस घटनाक्रम पर भारत के रक्षा विशेषज्ञों की भी नजरें हैं। इस कोर्वट से पहले हिसार क्लास गश्ती जहाज टीसीजी अकहिसार का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने नवंबर में कहा था कि चौथा MILGEM कोवर्ट जहाज फरवरी 2025 में पाकिस्तान की नौसेना को सौंप दिया जाएगा। पाकिस्तान ने जुलाई 2018 में तुर्की की रक्षा कंपनी ASFAT के साथ एक डील की थी। इस डील के तहत पाकिस्तान अदा क्लास के चार युद्धपोतों को तुर्की की इस कंपनी से खरीदेगा। इस योजना के तहत जहां दो कोवर्ट जहाजों का निर्माण तुर्की में होना था तो वहीं दो जहाज पाकिस्तान में निर्मित होंगे।
पाकिस्तान के लिए क्यों खास है प्रोजेक्ट
पाकिस्तान(Pakistan) की नौसेना को इस प्रोजेक्ट के तहत जितने भी युद्धपोत मिलेंगे उन्हें कई हथियारों से लैस किया जाएगा। बताया जा रहा है कि ये युद्धपोत रेकी, सर्विलांस, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, पनडुब्बी रोधी तंत्र, जमीन से जमीन पर और जमीन से हवा तक हमला करने वाली मिसाइलों के साथ जमीन पर भी मिशन को अंजाम देने वाली क्षमताओं से लैस होंगे। पाकिस्तान ने जिस प्रोजेक्ट के तहत तुर्की से हाथ मिलाया है उसमें ऐसे युद्धपोतों को तैयार किया जाएगा जिन्हें लंबे समय तक के लिए मिशन पर तैनात किया जा सके।