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भारत से सीख रहे Shehbaz Sharif! PM Modi की इस स्कीम को पाकिस्तान में करेंगे लागू…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पर पाकिस्तान की सरकार

पाकिस्तानी सरकारें भले ही ये कबूल न करें कि वो भारत को देख कर कई चीजों को अपनाती हैं लेकिन, यह सच्चाई है। भारत के कई नीतियों की पाकिस्तान की सरकारें तारीफ कर चुकी हैं और केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे कई अभियानों को अपना कर अपनी जनता को खुश करने में लगी हुई है। इमरान खान की सरकार के दौरान ही जिस तरह पीएम मोदी ने भारत में फ्री मेडिकल सेवा का लाभ उठाने के लिए गरीबों के लिए आयुष्मान योजना की शुरूआत की थी उसी तरह वहां भी एक योजना की शुरूआत की गई। अब नई सरकार शाहबाज शरीफ की सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को अपना कर अपनी जनता के साथ ही दुनिया को खुश करने पर लगी हुई है।

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया कि साल में तीन किस्तों में उन्हें 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। जिससे वो अपनी खेती को आगे बढ़ा सकेंगे। इसका लाभ आज भारत के करोड़ों किसान उठा रहे हैं और उनकी आय भी पहले से बढ़ी है। इसी के तर्ज पर अब पाकिस्तान की सरकार भी अपनी जनता को 2 हजार रुपये का लाभ देने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की करीब एक तिहाई आबादी को 2,000 रुपये प्रति महीने की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। इस स्कीम से देश के 1.4 करोड़ परिवारों को फायदा होगा, जो महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की एक रिपोर्ट की माने ते, शहबाज शरीफ ने शुक्रवार देर रात करीब 11 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए 28 अरब रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस राहत पैकेज के तहत करीब एक-तिहाई आबादी यानि 1.4 करोड़ परिवारों को प्रत्येक महीने सहायता के रूप में दो हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके आगे उन्होंने कहा कि, एक दिन पहले पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में की गई वृद्धि को जायज बताते हुए कहा कि देश को आर्थिक दिवालियापन से बचाने के लिए यह वृद्धि की गई है। इस घोषणा के एक दिन पहले ही पाकिस्तान में पेट्रोल, डीज़ल और मिट्टी के तेल पर मिलने वाली सब्सिडी हटा दी, और ईधन के दामों में 30 रूपये की वृद्धि की गई थी।

हालांकि, पाकिस्तान ने ये फैसला आईएमएफ के दबाव में लिया है। क्योंकि, हाल ही में आएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से पहले शर्त रख दी थी कि, उसे देश में ईंधन की कीमतों में इजाफा करना होगा। जिसके बाद सरकार ने ये फैसला लिया और देश में पेट्रोल की कीमत में 30 रुपये का एकमुश्त इझाप किया गया। इस फैसले को लेकर पाकिस्तान सरकार की तीखी आलोचना हो रही थी। खासतौर पर ऐसे वक्त में जब बेरोजगारी और महंगाई का संकट गहराया हुआ है। माना जा रहा है कि इस आलोचना से निपटने के लिए ही पाकिस्तान सरकार ने 2,000 रुपये प्रति माह की राहत राशि देने का ऐलान किया है।