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पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा Pok को लेकर नई चाल, किसी भी वक्त मोदी सरकार कर सकती है…

पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा Pok को लेकर नई चाल

कंगाल पाकिस्तान बात जम्मू और कश्मीर की करता है और खुद बलूचिस्तानियों और पीओके के लोगों पर जुर्म करता है। जम्म-कश्मीर की रूप रेखा तो बदल गई और यहां से आतंकवाद को उखाड़ फेंका गया है और घाटी में विकास की धारा बहने लगी है। लेकिन, पाकिस्तान ऑक्यूपॉयड कश्मीर और बलूचिस्तान में स्थिति बेहद ही भयानक है। पाकिस्तान आर्मी यहां पर आए दिन जुर्म कर रही है। अब तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की संवैधानिक स्थिति में संशोधन के लिए पाकिस्तान सरकार ने एख मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है। पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे इस निर्ण से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को नाराज कर सकता है, क्योंकि, उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान से नियंत्रण हासिल करने की कसम खाई है। ऐसे में कहीं भारत बहुत जल्द ही इसे वापस लेने की कार्यवाई न कर दे।

अब मसौदा प्रस्ताव की बात करें तो प्रस्तावित संशोधन 15, पिछले 75 वर्षों के दौरान इस क्षेत्र की संवैधानिक स्थिति को बदलने के लिए पाकिस्तान का 24वां प्रयास है। अगर इसे अमल किया जाता है तो नई व्यवस्था संवैधानिक संशोधन 13 का स्थान ले लेगी। ये संशोधन 1 जून 2018 को किया गया था। जिसके तहत स्थानीय विधायक और सांसद को इस्लामाबाद में बैठी सरकार की मंजूरी के बिना प्रमुख रातनीतिक और आर्थिक निर्णय लेने का अधिकार दिया गया था।

नई संवैधानिक व्यवस्था से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की सरकार की सभी विधायी और वित्तीय शक्तियां इस्लामाबाद की संघीय सरकार के हाथों में आ जाएंगी। स्थानीय सरकार की भूमिका महज एक नगरपालिका की रह जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और हाईकोर्ट के जज, मुख्य चुनाव आयुक्त और पीओके के महालेखा परीक्षक जैसे पदों पर सीधे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्ति की जाएगी और इन नियुक्तियों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकेगी।

-PoK के विधायी ढांचे में बड़े बदलानों पर विचार किया जा रहा है

-जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के हटाए जाने के भारत के इस कदम की तरह ही पीओके में भी बदलाव किया जा रहा है।

-नए संशोधन को मंजूरी मिल जाती है, तो पाकिस्तान के किसी भी हिस्से के लोग और विदेशी संस्थाएं भी इस क्षेत्र में निवेश कर सकेंगे और संपत्ति खरीद कर पाएंगे।

-नया संशोधन पीओके विधानसभा से आपातकालीन शक्तियां भी छीन लेगा। ये शक्तियां पाकिस्तान सरकार के हाथ में चली जाएंगी।