Hindi News

indianarrative

खान कर देंगे शहबाज की कुर्सी का काम तमाम! बिगाड़ रहे शरीफ की चाल, मुल्क में किसका पलड़ा भारी?

Imran khan-Shahbaz sharif

पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त वेंटिलेटर पर जल रहा है, मुल्क के अर्थव्यवस्था की आखरी सांसें चल रही हैं। आलम यह है अपने इंपोर्ट तक का पेमेंट नगीं कर पा रहा है। पाकिस्तान के स्थिति का अंदाजा इसी से लगा ले कि, पाकिस्तान पैसा बचाने के लिए रात में मार्केट बंद करा रहा है, ताकि बिजली कम खर्च हो। वही चिकन और मटन खाना सपने जैसा हो गया मुल्क अंधरे में डूबा हुआ है। संकट की इस घड़ी में शहबाज शरीफ दुनिया के सामने कटोरा लेकर भीख मांग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ऐसी आशंका है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से पंजाब सहित पाकिस्तान के कई राज्यों में भारी बवाल हो सकता है। इस बीच शहबाज शरीफ सरकार पर संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है। बीते रविवार को इमरान खान के घर पर गिरफ्तारी का वारंट लेकर पहुंची पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ गया। क्योंकि इमरान खान की समर्थकों की तादाद पुलिस से कहीं ज्यादा थी।

ऐसे में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने गठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं। पार्टी के मुखिया और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भले ही बाढ़ पीड़ितों की राहत ना मिलने के मामले पर सरकार से अलग होने की धमकी दे रहे हैं। लेकिन लोगों का मानना है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में उन्हें चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बिलावल ने अपना रास्ता अलग करना शुरू कर दिया है।

ये भी पढ़े: धोखेबाज है पाकिस्तान! शहबाज को खून के आंसू रूला रहा IMF, लोन देने के लिए फिर बदली शर्त

शहबाज शरीफ की सरकार इमरान खान को गिरफ्तार तो नहीं करा पायी। मगर उनके भाषणों को दिखाने पर रोक लगा दिया है। वर्तमान समय में इमरान भले ही सत्ता में नहीं हैं लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर भारी पड़ रहे हैं, जिससे मौजूदा सरकार अधर में लटक चुकी है। पाकिस्तान में मौजूद आर्थिक संकट के चलते अब उसका बाहरी कर्ज लगभग 130 अरब डॉलर पहुंच चुका है। ये उसकी जीडीपी का 95.39 फीसदी है।पाकिस्तान में इन दिनों मुद्रास्फीति 50 साल के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर है, जो वर्तमान समय में 27.6 फीसदी है।

सेना पर पड़ा आर्थिक संकट का असर

लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर बढ़ा दी है।आर्थिक संकट का असर पाकिस्तानी सेना पर भी दिखने लगा है. 2022-23 में पाकिस्तान का कुल रक्षा बजट 7.5 बिलियन डॉलर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स ने क्वाटर मास्टर जनरल के ऑफिस को सैनिकों के खाद्य आपूर्ति में गंभीर कटौती करने को कहा है।