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Al Zawahiri की मौत के बाद सदमे में है पाकिस्तान, इंडिया के फिर से Surgical Strike का सता रहा डर

अल-जवाहिरी की मौत से खौफ में है Pakistan

अल-कायदा प्रमुख अयमान-अल जवाहिरी की हत्या के बाद से पाकिस्तान सहमा हुआ है। अफगानिस्तान में अमेरिका ने ड्रोन के जरिए जवाहिरी को मौत के घाट उतारा था। अब पाकिस्तान को भी डर है कि कहीं इसी तरह की कार्रवाई वहां भी न कर दिया जाए। पाक को इस बात का डर है कि भारत भी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए फिर से सर्जिकल या फिर एयर स्ट्राइक कर सकता है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय सरकार अंतरराष्ट्रीय कानूनों की मदद से देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का हवाला देने में जुटी हुई है।

आगे बढ़ने से पहले बता दें कि, अल जवाहिरी दुनिया के सबसे वांटेड आतंकवादियों में से एक था। वो 11 सितंबर, 2001 के हमलों का मास्टरमाइंड भी थी। अमेरिका ने उसे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ड्रोन हमले में मार गिराया। जवाहिरी के मारे जाने में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का रहा है। क्योंकि, अमेरिका ने उसे मारने के लिए पाकिस्तान के ही एयरबेस का इस्तेमाल किया है। ऐसे में पाकिस्तान के ऊपर मुखबिरी का भी आरोप लग रहा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एक साप्ताहिक समाचार ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार से अल-कायदा प्रमुख को लेकर सवाल किया गया। उनसे पूछा गया कि क्या जवाहिरी को बाहर निकालने के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र और खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली गई, तो उन्होंने इससे इनकार किया। असीम इफ्तिखार ने कहा, इस कार्रवाई का कोई सबूत नहीं है कि पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग किया गया है।

साथ ही उनसे जब सवाल किया गया कि, क्या पाकिस्तान ऐसे आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन करता है। तो उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुसार आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए खड़ा है। उन्होंने पकिस्तान के रूख को स्पष्ट करते हुए कहा कि, इन प्रस्तावों के तहत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दायित्व हैं। अल-कायदा के बारे में मुझे लगता है कि यह स्पष्ट है कि यह एक आतंकवादी इकाई है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की लिस्ट में भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद राज्यों द्वारा निर्धारित कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं। आतंकवादियों को पाल पोस कर बड़ा करने वाले पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि, जैसा कि आप जानते हैं कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अतीत में दृढ़ कार्रवाई की है। आतंकवाद से लड़ने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का समर्थन किया है। आप यह भी जानते हैं कि अल-कायदा के खिलाफ कुछ उल्लेखनीय सफलता पाकिस्तान की भूमिका और योगदान के कारण ही संभव हुई थी।

पाकिस्तान एक ओर कह रहा है कि वो आतंकवादियों के खिलाफ है। लेकिन, दूसरी ओर वो इन आतंकियों को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है। अमेरिका ड्रोन हमले के बाद तो पाकिस्तान को अब भारत को लेकर भी डर सताने लगा है कि, कहीं भारत भी अब पाकिस्तान में फिर से सर्जिकल स्ट्राइक या फिर एयर स्ट्राइक न कर दे।