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4 दिन काम, 3 दिन आराम! पेट्रोल और बिजली के पैसे ऐसे बचाएगी पाकिस्तान की PDM सरकार!

पेट्रोल की मार झेल रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान में इन दिनों हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। जनता महंगाई का मार झेल रही है। आटा, चावल, दाल, दूध तेल से लेकर हर चीजों के दामों में भारी वृद्धि हो गया है। पेट्रोल-डीजल के दामों में आ लग गई है। इसके साथ ही पाकिस्तान की जमां-पूंजी भी खत्म होते जा रही है। कुल मिलाकर यह कह सकता है कि पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के राह पर है। क्योंकि, देश में अब कई चीजों का असर दिखने लगा है। इस वक्त पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी टेंशन पेट्रोल और डीजल की किल्लत बन गया है। इसकी कीमतों में तेजी से इजाफा को देख नई सकराक हाई टेंशन में है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि, मुल्क में पेट्रेल की किल्लत से निपटने के लिए सिर्फ 4 दिन काम हो और दो दिन लॉकडाउन लगे।

पाकिस्तान सरकार कर्मचारियों के वर्किंग डेज को कम करने की सोच रही है। तेल की बढ़ती खपत और तेल की ऊंची अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण बढ़ते आयात खर्च के बीच सरकार इस फैसले पर विचार कर रही है। सरकार इस तरीके को अपना कर ईंधन बचाने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान की सरकार का अनुमान है कि इससे 2.7 अरब डॉलर तक की अनुमानित वार्षिक विदेशी मुद्रा की बचत हो सकती है। यह अनुमान तीन अलग-अलग परिदृश्यों पर आधारित हैं, जो स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा कार्य दिवसों और ईंधन संरक्षण के बीच तालमेल बिठाकर देश की विदेशी मुद्रा को 1.5 अरब डॉलर से 2.7 अरब डॉलर तक बचाने के लिए तैयार किए गए हैं।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने जो प्रस्ताव तैयार किए हैं, उसी में कहा गया है कि, कार्य दिवस चार दिन का कर दिया जाए और तीन छुट्टियां दे दी जाए। इससे औसत पीओएल बचत 12.2 करोड़ प्रति माह होने का अनुमान है। यह एक वर्ष में 1.5 अरब डॉलर तक जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 90 प्रतिशत तेल की खपत कार्य दिवसों पर और शेष 10 प्रतिशत एक महीने में छुट्टी पर होती है। इसके साथ ही दूसरा प्रस्ताव तैयार किया है कि, चार दिन कर्मचारी काम पर आए और दो दिन का लॉकडाउन (व्यावसायिक गतिविधियों दो दिनों तक बंद रहेंगी) लगा दिया जाए। इससे 23 करोड़ डॉलर का लगभग 2.7 अरब डॉलर की बचत हो जाएगी।