Hindi News

indianarrative

Pakistan बनते जा रहा ‘आतंक का गढ़’ US रिपोर्ट में कई खुलासे, देखें भारत को लेकर क्या कहा…

पाकिस्तान बनता जा रहा 'आतंक का गढ़'

आतंकियों को पाल पोस कर बड़ा करने वाला पाकिस्तान अब आने वाले दिनों में इन्हीं आतंकियों के चलते अपने देश में हलचल देखेगा और इसका नतिजा देखने को भी मिल गया। जब पाकिस्तान सरकार को मजबुरन चरमपंथी संगठन टीएलपी के नेता साद रिजवी को रिहा कर TLP के ऊपर से प्रतिबंध हटाना पड़ा। अमेरिका ने एक नई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इमरान खान सरकार मसूद अजहर जैसे आतंकियों पर कार्रवाई करने में फेल रहा और साथ ही पाकिस्तान 'आतंक का गढ़' बनते जा रहा है।

यह भी पढ़ें- Russia-Ukraine जैसे इन देशों के हालात- एक दूसरे पर परमाणु हमले तक करने के लिए हैं तैयार!

ये तो पहले ही देखा जा चुका है कि इमरान सरकार आतंकवाद का मुकाबले करने और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा साजिद मीर जैसे 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड सहित आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में नाकामयाब रहा है। अमेरिका विदेश विभाग ने 2020'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म' की रिपोर्ट में कहा है कि, पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी 2015 की राष्ट्रीय कार्य योजना के सबसे कठिन पहलुओं पर सीमित प्रगति की। खास तौर पर बिना किसी देरी या भेदभाव के सभी आतंकवादी संगठनों को खत्म करने के अपने वादे पर पाकिस्तान नहीं टिका है। इसके साथ ही इस अमेरिकी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकी खतरों को बाधित करने में प्रभावी रहे हैं। साथ ही आतंकवाद की जांच से संबंधित जानकारी के लिए अमेरिका द्वार किए गए अनुरोधों का समय पर ढंग से जवाब देती है।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि, फरवरी में और फिर नवंबर में, लाहौर की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद को आतंकी वित्तपोषण के कई मामलों में दोषी ठहराया और उसे पांच साल, ङच महीने जेल की सजा सुनाई। लेकिन अन्य आतंकी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है। रिपोर्ट में पिछले साल पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों की जानकारी दी गई है जिसमें क्वेटा में हुआ एक हमला भी शामिल था। इस हमले में 15 लोगों की जान चली गई थी और 18 लोग घायय हुए थे। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।

रिपोर्ट में आगे बताया बताया गया है कि, जून 29 को चार बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आतंकियों ने बंदूक और ग्रेनेड लेकर कराची में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज के सुरक्षा बैरियर पर हमला किया था। इस हमले में आठ लोगों ने जान गंवाई थी। 27 अक्टूबर को पेशावर के एक मदरसे में एक धार्मिक लेक्टर के दौरान पांच किलोग्राम का IED ब्लास्ट हुआ था, जिसमें भी आठ लोगों की मौत हुई थी और 136 लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान में कुछ मदरसे हिंसक चरमपंथी सिंद्धांत को पढ़ा रहे हैं। हालांकि इसमें इन संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए वहां की सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख है।

यह भी पढ़ें- फिर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा तालिबान- एक ओर अमेरिका से मदद मांग रहा और दूसरी ओर अपनी अकड़ दिखा रहा है!

ये बात छपाई नहीं जा सकती कि पाकिस्तान के मदरसों में आतंक का पाठ पढ़ाया जाता है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया था जिसमें इस्लामाबाद के लाल मस्जिद में छात्राओं को ईशनिंदा कानून के तहत हत्य़ा करना सिखाया जा रहा था। वीडियो में देखा गया था कि कैसे छात्राओं को तलवार के गला काटना सिखाया जा रहा है और साथ ही टीएलपी के नारे भी लग रहे थे। ऐसे में यह तो तय है कि पाकिस्तान आतंकियों के आगे नतमस्तक है और आने वाले दिनों में यही आतंकि उसे लिए किसी नासूर से कम नहीं होंगे।