पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की इन दिनों रातों की नींद उड़ी हुई है। देश में इस वक्त मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) और पाकिस्तान आर्मी के बीच संघर्स के हालात पैदा हो गए हैं। पाकिस्तान के कई शहरों में टीएलपी के हिंसक प्रदर्शनों से हालात बेहद खराब हो गए हैं। पाकिस्तान आतंकियों के पनाह देते है इससे हर कोई वाकिफ है, लेकिन अब यही पाकिस्तान के गली की हड्डी बन गया है। क्योंकि सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान टीएलपी कार्यकर्ताओं ने बंदूक या फिर कट्टे से नहीं बल्कि कथित तौर पर छोटी मशीन गन (SMG)से पुलिसकर्मियों के ऊपर हमले कर रहे हैं। जिसे देख सुरक्षा अधिकारी हैरान हैं।
यहां मीडिया की खबरों में बताया गया कि इसके बाद अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कट्टरपंथी इस्लामी 'आतंकवादी समूह' में तब्दील हो गए हैं। पाकिस्तान के स्थानीय अखबार डॉन की खबरों की माने तो उच्चस्तरी बैठक में मोबाइल फोन का एक फुटेज दिखा गया, जिसमें दिख रहा है कि गुरुवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कामोक में पार्टी के सदस्यों ने पुलिसकर्मियों पर एसएमजी से 80 राउंड गोलियां चलाईं। जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 16 घायल हो गए।
इस गोलीबारी के बाद पुलिस के उच्चाधिकारी हैरान हैं कि टीएलपी को हथियार कहां से प्राप्त हो रहे हैं और उन्हें चलाने का प्रशिक्षण कैसे मिल रहा है। ये देखते हुए उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों ने TLP को आतंकवादी समूह में बताया है।
वहीं, सरकार और पार्टी नेतृत्व के बीच वार्ता के किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के बाद टीएलपी के हजारों कार्यकर्ता शनिवार को वजीराबाद में जमे रहे। खबरों की माने तो धार्मिक मामलों एवं अंतरधार्मिक सौहार्द मामलों के मंत्री पीर नूर-उल-हक कादरी ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान की सरकार और टीएलपी के बीच वार्ताकार के तौर पर काम करने के लिए 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
बता दें कि, टीएलपी के कार्यकर्ताओं ने पिछले हफ्ते लाहौर से इस्लामाबाद तक रैली निकालकर पाकिस्तान सरकार से अपने नेता साद रिजवी की रिहाई की मांग की थी, जिसे पिछले वर्ष फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। साद रिजवी पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन टीएलपी का प्रमुख और प्रभावशाली नेता खादिम रिजवी का बेटा है। साद रिजवी इससे पहले भी कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुका है।