पाकिस्तान (Pakistan) की कंगाली हालत दुनिया बखूबी जानती है। पाकिस्तान ने हाल के समय में कई मौकों पर चीन के प्रभाव में आकर अमेरिका को नाराज किया है। जबकि ऐसा भी हुआ जब अमेरिका ने पाकिस्तान को रूस से तेल कारोबार करने को मना किया, लेकिन पाकिस्तान नहीं माना। वहीं चीन को वह अपना खास दोस्त बताता है लेकिन पाकिस्तान ने एक ऐसा बयान दिया है, जो चीन को भड़का सकता है। बीते दिन पाकिस्तान ने चीन की की दोस्ती को ठेंगा दिखाते हुए बयान दिया है कि वो चीनी गुट का हिस्सा नहीं है। साथ ही पाकिस्तान ने कहा कि अमेरिका उसका पुराना मित्र है।
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने दिया यह बयान
पाकिस्तान (Pakistan)की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं ऐसी की भी अटकलों का खंडन करूंगी कि पाकिस्तान किसी गुट में शामिल हो गया है।’ पाकिस्तान गुटबाजी में कभी विश्वास नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान पारंपरिक सहयोगी हैं। यह संबंध कई दशकों में डेवलप हुआ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दुनियाभर के देशों से अच्छे रिश्ते हैं। इनमे एशिया प्रशांत, यूरोप और अफ्रीकी देश शामिल हैं। इस दौरान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि ‘अमेरिका हमारा पुराना दोस्त’ है।
Today over 65 members of Congress sent a bipartisan letter to @SecBlinken urging him to prioritize the promotion and protection of democracy and human rights in Pakistan
Together Pakistani-Americans are raising their voices in DC
See the letter and our statement below (1/2) pic.twitter.com/nFbEfSxT6p
— PakistaniAmericanPAC (@PAKPAC) May 18, 2023
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अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर उन्होंने कहा कि ‘अमेरिका पाकिस्तान के सबसे पुराने दोस्तों और सहयोगियों में से एक है और सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। हमारा अस्तित्व जितना पुराना है, अमेरिका के साथ हमारे संबंध भी शायद उतने ही पुराने हैं। हम कई क्षेत्रों में साथ काम करते रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच रिश्तों के ब्रिज का काम करता है। किसी का पक्ष लेने या किसी गुट में शामिल होने का हमारा कोई इरादा नहीं है।’वहीं कुछ दिन पहले अमेरिका ने पाकिस्तान मे हो रहे ह्युमन राइट्स के उल्लंघन का मसला उठाया था। 60 अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से कहा था कि वे पाकिस्तान में डेमोक्रेसी और ह्युमन राइट्स की रक्षा को प्रायोरिटी दें।