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धोखेबाज पाकिस्तान का फिर पर्दा फाश! जेलेंस्‍की को दिया हथियार तो पुतिन से लिया गेहूं

रूस-यूक्रेन के युद्ध में चांदी पाकिस्तान काट रहा है

पाकिस्तान (Pakistan) भले ही जितना मर्जी कंगाल क्यों न हो जाये लेकिन वह अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आता है। यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो दोनों तरफ से खेल रहा है। जुलाई 2022 से ही पाकिस्तान लगातार यूक्रेन को चुपचाप हथियारों की सप्लाई कर रहा है। ऐसा करके साफ नजर आ रहा है कि पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी देशों के साथ खड़ा है। मगर पाकिस्तान इस बात से इंकार करता रहा है कि उसने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की है। दरअसल, पाकिस्तान के विदेश प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान संघर्षों में हस्तक्षेप नहीं करता। हालांकि यह एक तरह का दिखावा है, क्योंकि पाकिस्तान का रिकॉर्ड रहा है कि वह दूसरों के युद्ध में जरूर हिस्सा लेता है।

1980 के दशक में अफगानिस्तान में रूस के खिलाफ संघर्ष में इसने अमेरिका का साथ दिया। बाद में 2001 में अमेरिका जब अफगानिस्तान में पहुंचा तो एक बार फिर वह युद्ध में शामिल हो गया। दूसरी तरफ ऐसा नजर आ रहा है कि रूस गहरे आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए मदद दे रहा है। रूस ने पाकिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजा है।

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अच्छे संबंध का दबाव बना रहा चीन

खबरों के अनुसार चीन पाकिस्तान पर रूस से अच्छे संबंध रखने का दबाव बना रहा है। द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार कई पाकिस्तानी कंपनियों को अमेरिका की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इन पाकिस्तानी फर्मों को मिसाइल और न्यूक्लियर से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ब्लैकलिस्ट में डाला गया है। इस लिस्ट में किन कंपनियों को डाला गया है उसके बारे में कोई रिपोर्ट नहीं है।

भारत और रूस के हमेशा रहे अच्छे संबंध

भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ ब्रिटिश शासन से आजाद हुए थे। भारत ने तब गुटनिरपेक्ष नीति को अपनाया और अपने विकास पर ध्यान दिया। वहीं पाकिस्तान अमेरिका की गोद में जा बैठा। भारतीय विदेश नीति का नतीजा है कि वह स्वतंत्र रूप से बिना किसी के दबाव में आए अपने फैसले लेती है। उसके संबंध अमेरिका से भी अच्छे हैं और रूस से भी।