भारत की कश्मीर में जी 20 (G-20) बैठक से पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान मीटिंग को रोकने के लिए बढ़ी साज़िश रच रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कश्मीर में जी-20 (G-20) बैठक कराने की योजना पर आंसू बहाया और कहा कि वह भारत के खिलाफ कई मोर्चों पर अभियान चलाने जा रहा है। वहीं इस पूरे विवाद में पाकिस्तान के बड़बोले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी कूद पड़े हैं और उन्होंने विदेश मंत्रालय से कहा कि भारत के खिलाफ अपने अभियान को तेज करे।दरअसल, सहयोगी वेबसाइट जी न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि अगले महीने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में होने वाले G20 कार्यक्रम को नाकाम करने के लिए पाकिस्तान साम दाम दंड भेद सबकुछ करने को तैयार हैं। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दुनिया के कई देशों से संपर्क कर मांग की है कि वे कश्मीर में होने वाली G20 की मीटिंग में शामिल न हों। बता दें कि 17 अप्रैल को ऐसा ही एक लेटर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश को भेजा है जिनमें कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ उल जुलूल बातें की गईं।
अलगाववादी संगठन हुर्रियत को सताया डर
दरअसल, अलगाववादी संगठन हुर्रियत को डर सता रहा है कि जी-20 सम्मेलन अगर कश्मीर में होता है तो इससे उसकी और पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा की पोल खुल जाएगी। वहीं कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे माहौल का दुनिया को अहसास हो जाएगा। हुर्रियत चाहता है कि पाकिस्तान भारत के कश्मीर में जी-20 सम्मेलन कराने के मामले को संयुक्त राष्ट्र और अन्य क्षेत्रीय मंचों पर उठाए। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में पूरा सहयोग करेगी।
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से जहरीला बयान देते हुए दावा किया कि भारत ने जो कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया है, वह मानवाधिकारों का पूरा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर संयुक्त राष्ट्र को इस पर नोटिस लेना चाहिए। खुद दुनिया से भीख मांग रहे पाकिस्तान के पीएम ने वादा किया है कि वह कश्मीरी जनता को समर्थन देते रहेंगे।