पाकिस्तान अपने ही पाले हुए आंतकियों को लेकर बुरी तरह फंसा हुआ है, उसके ये आतंकी अब उसी के लिए नासूर बन बैठे हैं। क्योंकि, आतंकी संगठन अब पाकिस्तान में अपना अलग मुल्क बनाना चाहते हैं जहां वो शरिया कानून लागू कर सरकार चलाएं। इसे लेकर पाकिस्तान की शाहबाज सरकार, आर्मी और आतंकियों के बीच जमकर बहज चल रही है। पाकिस्तान को कभी अंदाजा नहीं था कि वो जिन आतंकियों को जन्म भारत के खिलाफ दे रहा है वही उसके लिए एक दिन सिरदर्द बन जाएंगे। भारत में कुछ भी होता है तो पाकिस्तान में इसकी पहले आग लगती है। नूपुर शर्मा को ही ले लें तो सबसे ज्यादा झूठ फैलाने वाला पाकिस्तान है। पाकिस्तान तो नूपुर शर्मा की हत्या की प्लानिंग तक कर लिया है। यह कोई और नहीं बल्कि, पाकिस्तानी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक है जो नूपुर शर्मा की हत्या की प्लानिंग कर रहा था।
राजस्थान पुलिस ने बॉर्डर पार कर पाकिस्तान से भारत आने वाले पाकिस्तानी नागरिक रिजवान को पकड़ा है। जो इस संगठन से जुड़ा हुआ है, पूछताछ में इसने खुलासा किया है। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, एडिशनल डीजीपी (इंटेलीजेंस) एस सेंगाथीर ने बताया कि, पाकिस्तानी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने नूपुर शर्मा की हत्या के लिए योजनाएं बनाई हैं। पाकिस्तानी आतंकी रिजवान भी तहरीक-ए-लब्बैक से प्रभावित था। उनके प्लान के अनुसार, वह बॉर्डर पार भारत में प्रवेश करना चाहता था। अधिकारी ने कहा, IB, CID, BSF भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस समेत कई एजेंसियां अब रिजवान से पूछताछ कर रही हैं। यह वही संगठन है, जो बीते साल पाकिस्तान में इमरान खान सरकार को घेरने का काम किया था और पाकिस्तान में कई लोगों को मारा था। कथित तौर पर नूपुर शर्मा की हत्या की प्लानिंग के साथ भारत आए शख्स को राजस्थान के श्रीगंगानगर में पकड़ा गया था।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधइकारी ने कहा है कि, शख्स को 16 जुलाई को रात करीब 11 बजे हिंदुमलकोट सीमा चौकी के पास पकड़ा गया था। पैट्रोलिंग टीम की वह संदिग्ध हालत में मिला था, जिसके बाद उसे तत्काल हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा, हमने उसके पास 11 इंच का चाकू, धार्मिक किताबें, कपड़े, भोजन और रेत मिली है। उसकी पहचान पाकिस्तान के उत्तरी पंजाब में मंडी बहउद्दीन शहर में रहने वाले रिजवान अशरफ के तौर पर हुई है। शुरुआती जांच में संदिग्ध ने कहा कि, वह पैगंबर पर की गई विवादित टिप्पणी के चलते नूपुर शर्मा को मारने आया था।
नूपुर शर्मा की हत्या करने से पहले उसने अजमेर दरगाह जाने की योजना बनाई थी। अधिकारी ने कहा कि, हमने जांच के लिए उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है। उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 8 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। हमने संबंधित इंटेलीजेंस एजेंसियों को उसके बारे में जानकारी दे दी है।