भारतीय लोकतंत्र का फायदा उठाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित पाक जमात फ्रंट्स द्वारा मानवाधिकारों के मुद्दों को हथियार बनाया जा रहा है। यह डिसइंफोलैब की रिपोर्ट है जिसमें कई सारे दावे किए गए हैं। भारतीयों को भड़काने वाला कौन है 'जस्टिस फॉर ऑल' (JFA) एक संगठन है जो भारत के खिलाफ कई सारे अभियान चला रहा है। इसकी वेबसाइट पर जाएंगे तो इसका एजेंडा भारत के खिलाफ नजर आएगा। हिसाब विवाद को भी इसने खूब उछाला।
पाकिस्तानी जमात फ्रंट्स भारत के खिलाफ कर रहे काम
पाकिस्तान जब भारत संग सीमा पर नहीं लड़ सका तो अब वो नई चाल चल रहा है। छोटे मोटे ऑर्गेनाइजेशन की मदद से भारतीयों का ब्रेन वॉश कर रहा है। अमेरिका में पाकिस्तानी जमात फ्रंट्स का काम ही है भारतीयों को बहकाना और गलत तरह से चीजों को पेश कर भड़काना। डिसइंफोलैब के जरिए हम पहली दो रिपोर्ट में कई चीजों बता चुके हैं अब इस रिपोर्ट में जानते हैं 'जस्टिस फॉर ऑल' क्या है और कैसे काम करता है।
रिटायर्ड पाकिस्तान सेना कर्नल कलीम जुबेरी की बहन हैं JFA की निदेशक
"जस्टिस फॉर ऑल (JFA) एक शिकागो स्थित संगठन है, जिसकी स्थापना 1999 में एक पाक नागरिक अब्दुल मलिक मुजाहिद, जमीयत-ए-तलाबा (जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान की युवा शाखा) के पूर्व प्रमुख (1975-77) द्वारा की गई थी।" अब इसका भी ताल्लुक पाकिस्तान आईएसआई और आर्मी से है। दरअसल, रिपोर्ट की माने तो, JFA की निदेशक हेना जुबेरी हैं जो एक पत्रकार हैं। लेकिन इससे भी बड़ी बात यह कि ये रिटायर्ड पाकिस्तान सेना कर्नल कलीम जुबेरी की चचेरी बहन हैं। इसके साथ ही हेना अफिया फाउंडेशन से भी जुड़ी हैं, जिसे आफिया सिद्दीकी उर्फ लेडी अलकायदा की रक्षा के लिए स्थापित किया गया था, जिसने 9/11 हमले के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद की सहायता की थी।" यानी की पाकिस्तान इस वक्त भारत के साथ कोई बडी साजिश रचने की कोशिश कर रहा है।
JFA की वेबसाइट पर जब जाएंगे तो वहां पर भारत विरोधी अभियानों की पूरी लिस्ट मिल जाएगा। हिजाब वाले मामले पर तो इसने खासा अभियान चलाया जिसमें लिखा कि, हिजाब=ह्यूमनराइट्स इसके साथ ही, सेव इंडिया और भारत में फासीवाद से लड़ना इसका प्रमुख एजेंडा है। इसके साथ ही इसका उद्देश्य ये है कि, दुनिया के सामने भारत को फासीवाद, इस्लामोफोबिया और नरसंहार वाले देश के रूप में पेश करे। ये पूरी तरह से भारत खिलाफ अभियान के जरिए पाकिस्तान नई तरह की जंग छेड़ रहा है। पाकिस्तान को इसका अंदाजा नहीं है कि ये उसके लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, IAMC के संस्थापक शेख उबैद ने अमेरिकी मुसलमानों के लिए एक नेटवर्किंग साइट ImanNet की स्थापना की और JFA भी इसी की है। बाद में इसका नाम बदलकर सेव इंडिया कर दिया गया। डिसइन्फोलैब ने दावा किया कि बर्मा टास्क फोर्स (बीटीएफ), शेख उबैद के साथ संचालित एक और जेएफए परियोजना है जिसे यूएस लॉबी फर्म फिदेलिस गवर्नमेंट रिलेशंस (एफजीआर) को भारत को यूएससीआईआरएफ द्वारा ब्लैकलिस्ट करने के लिए काम पर रखा था। BTF ने रोहिंग्या और उइगर मुसलमानों के नाम पर धन जुटाना शुरू किया। BTF ने कहा कि, उसने यूएस लॉबी फर्म एफजीआर को 267 हजार डॉलर का भुगतान किया।
चला रहा जम्मू कश्मीर के खिलाफ अभियान
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, JFA की भारत के खिलाफ एक और परियोजना है 'फ्री कश्मीर'। यह अन्य पाक-ISI और जमात समर्थित फ्रंट्स जैसे स्टैंड विद कश्मीर और ISI के गुर्गों गुलाम नबी फई के साथ काम करता है। इसके साथ ही जेएफए को एक और फ्रंट 'साउंड विजन' का समर्थन प्राप्त है, जिसकी स्थापना मुजाहिद ने 1988 में की थी, जब वह इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) से जुड़ा था। आईसीएनए पश्चिम में जमात की शाखा है।" डिसइन्फोलैब की रिपोर्ट में बताया गया है कि, "आईसीएनए (ICNA) अमेरिका में सभी इस्लामी मोर्चों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण संगठन है। इसकी स्थापना जमात द्वारा की गई थी, जो इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईएसएनए) नामक मुस्लिम ब्रदरहुड के समान मोर्चे से प्रेरित थी।