पाकिस्तान में विपक्ष की काली नजर इमरान खान की कुर्सी छीनकर ही दम लेगी। इसके लिए हर दांव और पैंतरा अजमाया जा रहा है। इमरान खान के नेताओं को अपनी ओर खींचा जा रहा है। आलम ये है कि इस्तीफे से पहले ही पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इसका ऐलान भी कर दिया गया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने दावा किया कि इमरान खान की सत्ता की उम्र अब कुछ ही दिनों की है और फिर विपक्ष के नेता शहबाद शरीफ को पीएम पद सौंप दिया जाएगा।
इन उठापटक में बिलावल भुट्टो का एक बयान चर्चा में आ है। जिसे सुनने के बाद पाकिस्तान के हर एक नागरिक की रूह कांप उठती है। बेशक ये बयान पुराना हो, लेकिन लोगों में इसका डर आज भी कायम है। बिलावर भुट्टो का ये बयान पीओके को लेकर था। बिलावर भुट्टो ने कहा था कि पहले हम ये सोचते थे कि श्रीनगर कैसे लेना है और अब हालात ऐसे कि हमें ये सोचना पड़ रहा है कि मुज्जफराबाद को भारत से कैसे बचाएं?, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुज्जफराबाद पीओके की राजधानी है।
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बिलावर भुट्टो ने अपने इस बयान से इमरान खान की सरकार पर हमला बोला था, लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पीओके में अपनी लोकप्रियता बढ़ा पाएंगे। क्योंकि पीओके में आए दिन पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते है। ऐसे में पाकिस्तान की नई सरकार कैसे इन सब परेशानियों को संभाल पाएंगी, वहीं भारत की ओर से आए बयान भी पीएम पद पर आसीन होने वाले शहबाद शरीफ की धड़कनों को और तेज कर देता है। ऐसे में साफ है कि पाकिस्तान में सरकार किसी की भी हो, उसे अब समझ लेना चाहिए कि पीओके की जनता पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहती।