पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी को लेकर शह और मात का खेल चल रहा है। एक तरफ इमरान खान और उनके समर्थक है तो दूसरी तरफ विपक्ष का हुजूम है, जो उनकी सत्ता को जड़ से खत्म करना चाहती है। इन सब के बीच अब अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के नाम पर चर्चा खूब हो रही है। वो इसलिए, क्योंकि कहा जा रहा है कि इमरान खान को हटाने के पीछे जो बाइडेन का प्लान है। दरअसल, 27 मार्च को इमरान खान ने इस्लामाबाद रैली में एक लेटर को दिखाते हुए दावा किया था कि इसमें इस बात के सबूत हैं कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विदेश से साजिशें रची जा रही हैं।
इमरान खान का ये बयान बाइडेन की ओर इशारा था। इसके बाद चीन ने कहा था कि अगर पाकिस्तान में अमेरिका हस्तक्षेप करता है, तो चीन पाकिस्तान सरकार को पूर्ण और असाधारण समर्थन देगा। चीनी अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है, जिसका बीजिंग कड़ा विरोध करता है। पाकिस्तान और चीन की ओर से हमला करने के बाद अब अमेरिका ने खुलकर सामना किया है और मुंहतोड़ जवाब देकर दोनों ही देशों का मुंह बंद कर दिया है।
इमरान खान ने जिस चिट्ठी को लेकर दावा किया था, उसको लेकर अमेरिका ने अपनी बात रखी है। अमेरिका ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में किसी भी तरह की संलिप्तता को साफ तौर पर खारिज कर दिया है। वाशिंगटन ने कहा है कि अमेरिकी संलिप्तता के आरोप निराधार हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव में अमेरिका के शामिल होने और पीएम इमरान खान को 'धमकी पत्र' देने के आरोप निराधार हैं। अमेरिका ने आगे कहा है कि सरकार पाकिस्तान में संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान करती है।