पाकिस्तान (Pakistan) भायनक आर्थिक संकट से घिर चुका है। दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़े पाकिस्तान की अब जो तस्वीर आ रही है वो डराने वाली है। शहबाज सरकार ने आवाम के सिर पर पेट्रोल बम फोड़ दिया है। पाकिस्तान अब श्रीलंका की राह पर चल पड़ा है। जिस तरह श्रीलंका में भूचाल आया था अब पाकिस्तान उससे ज्यादा दूर नहीं है। शहबाज शरीफ सरकार ने जैसे ही पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा किया पाकिस्तान के कई हिस्सों में पेट्रोल की कमी हो गई। आलम यह है कई जगहों पर पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें लगी हुई हैं। दरअसल, सरकार की तरफ से कोई भी एहतियाती कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. पाकिस्तानी आवाम ने किसी तरह से रमजान और ईद काटी।
उन्हें उम्मीद थी कि Pakistan Govt कुछ ऐसे फैसले लेगी, जिसकी वजह से उन्हें राहत मिलेगी। मगर अब PM शहबाज शरीफ की सरकार आवाम की हालत पतली करने में जुटी हुई है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें 250 रुपये के पार पहुंच गई हैं।
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दरअसल, लोगों को ऐसी उम्मीद थी कि सरकार पेट्रोल की कीमतों को कम करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। वित्त मंत्री इश्हाक डार ने रविवार को ये साफ कर दिया कि पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। फिलहाल पड़ोसी मुल्क में एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 282 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। पाकिस्तान में 15 अप्रैल को पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए थे। 1 से 15 अप्रैल के बीच पाकिस्तान में 20,000 पेट्रोल की खपत हुई।
जरूरी दवाओं की कीमतें भी बढ़ीं
इसके अलावा लुढ़कते पाकिस्तानी रुपये और डगमगाती अर्थव्यवस्था के बीच पाकिस्तान सरकार जरूरी दवाओं की कीमतों में भी इजाफा किए जा रही है।महंगाई की मार के बीच सरकार ने शुक्रवार को ही सामान्य दवाओं की खुदरा कीमतें 20 फीसदी बढ़ा दी।
पाकिस्तानी मीडिया की मानें, तो दवा बनाने वाली कंपनियों की तरफ से लगातार कीमतें बढ़ाने की मांग की जा रही थी। उनका कहना है कि अभी जो कीमतें बढ़ी हैं, वो बहुत कम है। वैसे अब साफ नजर आ रहा है कि ठोस आर्थिक नीति नहीं होने की वजह से दवा बनाने वाले तो परेशान हैं, ही इसका असर आम जनता पर भी सीधा पड़ रहा है। वहीं पाकिस्तान की फेल नीतियों की वजह से आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है।