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इमरान खान की सरकार गिरे या ना गिरे लेकिन, Pakistan को पूरी तरह बर्बाद कर देगा अमेरिका, कहा- इनका भी वही हाल करेंगे जो…

अमेरिका ने कहा- इमरान खान की फिसली जुबान का अंजाम देखेगा पूरा पाकिस्तान

पाकिस्तान की सस्ता में इस वक्त भुचाल आया हुआ है और इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से विपक्ष के साथ आर्मी भी हटाने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बीच अपनी सरकार बचाने के लिए इमरान खान लगातार कोशिश कर रहे हैं और कुछ भी बोल दे रहे हैं। गुरुवार रात अपने संबोधन में उन्होंने अमेरिका को दोष दे दिया की वही उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहता है और साथ ही उनकी हत्या भी करवाना चाहता है। इमरान खान की ये गलती पुरे पाकिस्तान को भुगनती पड़ सकती है। पाकिस्तान के उपर विश्व कर्जा बढ़ता जा रहा है। कंगाली के आलाम में अमेरिका अगर कोई बड़ा कदम उठा लेता है तो पाकिस्तान पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा और इसके जिम्मेदार इमरान खान होंगे।

गुरुवार को इमरान खान ने अपने संबोधन में 'विदेशी साजिश' के अपने दावों को दोहराते हुए कहा कि, एक विदेशी राष्ट्र उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के खिलाफ काम कर रहा है। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने अमेरिका पर आरोपों की झड़ी लगा दी और बाद में कहा कि अमेरिका का नाम गलती से निकल गया। अविश्वास प्रस्ताव से पहले इमरान खान हर कोशिश में लगे हैं कि किसी तरह उनकी कुर्सी बच जाए। इसके लिए इमरान खान ने एक बार फिर पाकिस्तान की आवाम को संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि, एक विदेशी राष्ट्र ने एक संदेश भेजा है कि इमरान खान को हटाने की जरूरत है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

इमरान खान ने कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमे खत भेजा। फिर अपनी गलती मानते हुए इमरान खान ने कहा कि अमेरिका नहीं एक बाहरी मुल्क ने एक संदेश भेजा था, जो पाकिस्तान राष्ट्र के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि, आठ मार्च को या उससे पहले 7 मार्च को, अमेरिका ने हमें भेजा…अमेरिका नहीं बल्कि एक बाहरी मुल्क ने हमें एक संदेश भेजा। जिस कारण से मैं इस बारे में बात कर रहा हूं… एक स्वतंत्र देश के लिए ऐसा संदेश प्राप्त करना मेरे और मेरे देश के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि, मेमो उनके खिलाफ था, सरकार के खिलाफ नहीं। इसमें कहा गया है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा, अगर ऐसा नहीं किया गया तो परिणाम भुगतने होंगे।

इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि हमने अमेरिका का हमेशा साथ दिया। लेकिन उसने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए। 9/11 को अमेरिका में हुए हमले में कोई पाकिस्तानी नहीं था। मुशर्रफ का अमेरिका का हिमायती बनना सबसे बड़ी गलती थी। इमरान खान ने कहा, 22 करोड़ की जनता के सामने कोई बाहरी मुल्क आएगा और कहेगा कि मुझे आपकी विदेश नीति पसंद नहीं है क्योंकि आप रूस चले गए थे। वो ऐसा कहना चाहते हैं मानो हम उनके नौकर हों। वो चाहते हैं कि इमरान को चले जाना चाहिए लेकिन उनके (विपक्ष) के आने से कोई दिक्कत नहीं होगी। दागी नेता अमेरिका की मदद से सत्ता हासिल करना चाहते हैं।