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खाने को नहीं दाने और बच्चों की लाइन लगा रहे पाकिस्तानी! जनसंख्या के आंकड़े देख Shehbaz भी घबराए

पाकिस्तान की जनसंख्या में हुआ इजाफा

भयानक आर्थिक संकट, बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई और आतंकी खतरों जैसी कई चुनौतियों से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) की आबादी में बड़ा इजाफा हुआ है। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तान की जनसंख्या में हुई वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स की पहली डिजिटल जनगणना से पता चला है कि पाकिस्तान की जनसंख्या में 2.35 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। जनसंख्या में वृद्धि के आंकड़े ऐसे समय पर सामने आए हैं जब पाकिस्तान में गरीबी और बेरोजगारी अपने चरम पर है और बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रह है।

शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट’ की हुई बैठक में योजना मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान की आबादी 24.01 करोड़ हो गई है। इस बैठक में कैबिनेट मंत्रियों, प्रांतीय मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में शामिल हुए सभी लोगों ने सर्वसम्मति से मार्च और अप्रैल में की गई जनगणना के नतीजों को मंजूरी दे दी। अब पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ICP) के लिए जरूरी है कि वह चुनाव के लिए पूरे देश में नए चुनावी जिलों को निर्धारित करने के लिए परिसीमन की कवायद नए सिरे से शुरू करे। इससे नेशनल असेंबली (संसद) का मौजूदा कार्यकाल खत्म होने के बाद 60 या 90 दिन की अवधि में चुनाव कराने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

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परिसीमन के लिए बाध्य चुनाव आयोग

कहा गया अगर सीसीआई की सिफारिश पर नई डिजिटल जनगणना की गजट अधिसूचना जारी की जाती है, तो ईसीपी संविधान के अनुच्छेद 51(5) के तहत नए सिरे से परिसीमन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।’ अगर नेशनल असेंबली अपना कार्यकाल पूरा करती है तो इसके 60 दिन के अंदर चुनाव कराने होंगे और अगर नेशनल असेंबली को अपना कार्यकाल पूरा करने से एक दिन पहले भी भंग किया जाता है, तो चुनाव 90 दिनों में कराए जा सकते हैं।