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मंहगाई से हारी पाक की नई सरकार! शाहबाज शरीफ से नहीं संभल रहा मुल्क- IMF की चौखट माथा टेका

पाकिस्तान की नई सरकार ने हाथ किए खड़े!

पाकिस्तान की सत्ता में आई उफान तो थम कई है लेकिन, देश में कई सारी समस्याएं पहले से ही हैं जो अब तक नहीं खत्म हो पाई हैं। महांगाई की मार झेल रही जनता, कंगाली के कागार पर पाकिस्तान का विश्व कर्ज भी बढ़ते जा रहा है। ऐसे में नई सरकार के सामने कई सारी बड़ी चुनौतियां हैं। इस वक्त आलम यह है कि, शाहबाज शरीफ ने हाथ खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान को उम्मीद है कि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोश उसकी मदद करेगा। लेकिन, इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं। उधर जानकारों का कहना है कि, पाकिस्तान में अगर आर्थिक संकट और ज्यादा बढ़ा तो वहां एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ द्वारा भेजा गया एक एक प्रतिनिधिमंडल अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए दोहा पहुंच गया है। इस दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल देश में आर्थिक सुधार के लिए निश्चितता और गति प्रदान के लिए छह अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को पुनर्जीवित करने पर जोर देगा। साथ ही एक अरब डॉलर का महत्वपूर्ण कोष जारी करने को लेकर अलग से बातचीत होगी। उम्मीद है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से मदद मिलेगी।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल, राज्य मंत्री डॉ आयशा घोष पाशा, वित्त सचिव हमीद याकूब शेख, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के कार्यवाहक गवर्नर डॉ. मुर्तजा सैयद, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन असीम अहमद और अन्य वित्त विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान आर्थिक बदहाली की तरफ है। अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और नई सरकार इसे पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मदद की आवश्यकता है।

एक रिपोर्ट की माने तो, पाकिस्तान को अब आईएमएफ के प्रोग्राम से कम से कम 3 अरब डॉलर प्राप्त हुए हैं। आईएमएफ प्रोग्राम इस साल के अंत में समाप्त होने वाला है, यही कारण है कि पाकिस्तान जून 2023 तक विस्तार की मांग कर रहा है, साथ ही एख अरब डॉलर की अघली किश्त जारी करने की भी मांग किया जा रहा है।