पाकिस्तान अपनी दखल देने की आदत से बाज नहीं आएगा। भारत के तमाम अंदरूनी मामलों में वो शुरू से दखलंदाजी करता आया है। फिर चाहे वो कश्मीर क मुददा हो या फिर सीएए और अब कर्नाटक के हिजाब विवाद में भी टांग अड़ा रहा है। भारतीय मुसलमानों को लेकर पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहा है। पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिक को तलब कर हिजाब विवाद पर अपना विरोध जाहिर किया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने से रोकना निंदनीय है।
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इससे पहले इमरान सरकार के बड़बोले मंत्रियों शाह अहमद कुरैशी ऐर चौधरी फवाद हुसैन ने हिजाब विवाद पर भारत सरकार की आलोचना की थी। पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट के अनुसार- पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने भारत के राजनयिक से अपील की गई है कि वे भारत सरकार के हिजाब विरोधी अभियान के प्रति पाकिस्तान की गंभीरता को बताएं।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- 'चार्ज डी 'अफेयर्स से भारत सरकार को यह बताने के लिए कहा गया कि कर्नाटक में आरएसएस-बीजेपी की ओर से हिजाब विरोधी अभियान पर पाकिस्तान चिंतित है, जो अमानवीयकरण की दिशा में बहिष्करणवादी और बहुसंख्यकवादी एजेंडे का हिस्सा है।'
गौरतलब है कि इससे पहले इमरान सरकार के मंत्रियों शाह महमूद कुरैशी और चौधरी फवाद हुसैन ने हिजाब विवाद पर भारत की आलोचना की थी। हालांकि इसका केंद्र में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने करारा जवाब दिया था। कुरैशी ने ट्वीट कर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखना मौलिक अधिकारों का हनन है। सूचना प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन ने कहा कि हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद है। इसके जवाब में नकवी ने कहा कि भारत की समावेशी संस्कृति को बदनाम करने के लिए कुछ लोग ड्रेस कोड के फैसले को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं। पाकिस्तान सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता पर भारत को उपदेश दे रहा है।