पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जब सत्ता में थे तो उसी दौरान मुल्क में मंहगाई अपने चरम पर पहुंच गई थी। देश कंगाली और कर्ज के दलदल में फंसता चला गया। आलम यह रहा कि, पेट्रोल-डीजल के दाम बहुत पहले ही 150रुपये लिटर तक चले गए थे। खाने के तेल को लेकर खबर रही कि वो 400रुपये लिटर बिकने लगा। ऐसे ही आटा, दाल से लेकर हर एच चीजों के दामों में भारी वृद्धि हो गई। विश्व पर कर्ज बढ़ता चला गया। अब नई सरकार का कहना है कि, खान जाते-जाते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को चौपट कर गए।
नई सरकार के लिए विदेशी कर्ज मुसीबत बन गए हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश के चार साल बर्बाद हो गए। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, फैसलाबाद में ईद मिलन पार्टी को संबोधित करते हुए सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई ने सबसे अस्थिर और हर रोज बदलने वाली टैक्स नीतियों के जरिए अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया। मंत्री ने कहा कि इमरान खान ने देस को मंहगाई के दलदल में डाल दिया।
गृह मंत्री ने कहा कि पीटीआई ने केवल एक गुलाबी तस्वीर पेश की और झूठे वादे किए जो कि पूरी तरह से विफल साबित हुए। उन्होंने कहा कि इमरान खान सरकार की गलत नीतियों के कारण ही पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज का बोझ असहनीय हो गया है। मंत्री ने विश्व बैंक के हालिया रिपोर्ट के बारे में भी बात की। जिसमें विश्व बैंक ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक कमजोरियों के बारे में बताया है। इसमें निवेश में कमी भी शामिल है। कुछ पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घरेलू मांग के दबाव और वैश्विक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से देश में मुद्रास्फीती दहाई अंकों में पहुंच जाएगी।