पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब सत्ता में आए थे तब उन्होंने जनता के सामने बड़े-बड़े वादे करते हुए नए पाकिस्तान का सपना दिखाया था लेकिन, हुआ इसके विपरीत। पाकिस्तान कंगाली के राह पर है, देश की अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है। भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। दूध, तेल, रासन हर किसी के दाम आसमान छू रहे हैं। इसके साथ ही देश में आतंकि हमले भी आए दिन हो रहे हैं। आज ही पेशावर में बड़ा धमाका हुआ जिसमें 30 लोगों की जान चली गई और 50 से ज्यादे लोग घायल हो गए हैं। इस बीच इमरान खान सरकार के उपर ग्रहण लग गया है। क्योंकि, विपक्षी दलों ने अल्टीमेटम दे दिया है कि उनके पास सिर्फ पांच दिनों का समय है उसके बाद उन्हें हर हाल में कुर्सी छोड़ देनी होगी।
दरअसल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से पांच दिनों के भीतर इस्तीफा देने या अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार रहने को कहा। डॉन अखबार के मुताबिक, लोधरान और मुल्तान में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा, मैं तुरंत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहता हूं। पीएम के पास केवल दो विकल्प हैं: इस्तीफा दें या अविश्वास प्रस्ताव का सामना करें। उन्होंने यह भी कहा कि, अविश्वास प्रस्ताव पर सभी दल एकजुट हैं और यह पीपीपी के रुख की जीत तय है। इससे पहले, बिलावल ने इमरान खान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की क्योंकि, पाकिस्तान में मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है, साथ ही अन्य वित्तीय संकट भी बढ़ते जा रहा है।
इमरान खान को अवैध रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री बताते हुए, बिलावल ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपने शेष दिनों की गिनती करने की चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपने जियालों के साथ, चयनित प्रधानमंत्री को हटाने के लिए इस्लामाबाद जा रहे थे। उन्होंने कहा कि, हमने पंजाब में प्रवेश किया है। इसके साथ ही पाकिस्तान में साइबर कानूनों को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि, खान सरकार जो कहती थी कि वह महंगाई से राहत नहीं दे सकती है, वह लॉन्ग मार्च के कारण पेट्रोल और बीजली की कीमतों में कटौती करने के लिए मजबूर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इमरान खान आलोचना से इतना डरते हैं कि उन्होंने पीईसीए कानून में संशोधन किया है। हम इस तरह के किसी भी संशोधन को स्वीकार नहीं करते हैं।