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PM Shahbaz Sharif बोले- इमरान खान के खेल में फंस गई आम जनता- मैं बेच दूंगा अपने कपड़े लेकिन…

शाहबाज शरीफ ने कहा, जरूरत पड़ी तो बेच दूंगा अपने कपड़े

पाकिस्तान में इस वक्त महंगाई अपने चरम पर है। देश का विश्व कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते पाकिस्तानी रुपया तेजी से नीचे गिर रहा है। नई सरकार शाहबाज शरीफ के सामने इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती देश की गिरती अर्थव्यवस्था है। सरकार इस कोशिश में लगी हुई है कि कैसे इससे उबरा जाए। इधर खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि, अगर उन्होंने उनकी बात नहीं मानी तो वो अपने कपड़े बेच देंगे।

दरअसल, पाकिस्तान में इस वक्त आटा, चावल, दाल के साथ ही सारे राशन की चीजों के दामों में आग लगी हुई है। इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर नेता ने अगले 24घंटे के भीतर 10किलो गेहूं के आटे की बोरी की कीमत घटाकर 400रुपये नहीं की तो वह अपने कपड़े बेच देंगे और लोगों को सस्ता आटा खुद उपलब्ध कराएंगे। रविवार को ठाकारा स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, मैं अपनी बात दोहराता हूं, मैं अपने कपड़े बेच दूंगा और लोगों को सबसे सस्ता गेहूं का आटा उपलब्ध कराऊंगा।

इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, वो देश को अबतक की सबसे ज्यादा महंगाई और बेरोजगारी का तोहफा दे गए हैं। इमरान खान सरकार की निंदा करते हुए पीएम शरीफ ने कहा कि वह पांच मिलियन घर और एक करोड़ नौकरियां देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहे और देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया। इसके आगे उन्होंने कहा कि, मैं आपके सामने घोषणा करता हूं कि मैं अपना जीवन कुर्बान कर दूंगा लेकिन इस देश को समृद्धि और विकास के रास्ते पर रखूंगा। बलूचिस्तान चुनावों पर बोलते हुए, पीएम ने कहा कि लोगों ने उन पर विश्वास किया और उनके पक्ष में मतदान करने के लिए बाहर आए हैं। उन्होंने कहा, ऐसा बहुत कम ही होता रहा है, बलूचिस्तान के लोग मतदान केंद्रों पर उमड़ पड़े और जैसा कि मुझे उम्मीद थी कि मतदाताओं का मतदान 30से 35प्रतिशत के बीच रहेगा जो लोकतंत्र और कानून व्यवस्था में सुधार में लोगों का विश्वास है।

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर शरीफ ने इमरान खान पर हमला बोला और कहा कि, खान जो सार्वजनिक रूप से सभी को अपमानित करते हैं, उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में ऐसे समय में कमी की थी जब दुनिया भर में दरें बढ़ रही थीं। उन्होंने ऐसा तब किया था जब उन्हें पता था कि वे अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बाहर कर दिया जाएंगे।