पाकिस्तान में इस वक्त महंगाई आसमान छू रही है, हर चीजों के दाम बढ़ गए हैं। खाना पकाना तो इस वक्त इतना ज्यादा महंगा हो गया कि, तेल 600 रुपये से भी ज्यादा महंगा हो गया है। पेट्रोल 200 के पार पहुंच गया है। गैस के दामों से लेकर बिजली तक की कीमतों में बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसके साथ ही गेहूं, आटा, चावल, दाल, तेल से लेकर हर एक चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। अब देश को कंगाली से बचाने के लिए पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त यानी चीन से खाद मांगेगा तो वहीं, रूस से गेहूं की भीख मांगेगा।
पाकिस्तान में इस वक्त जनता के पास खाने के लिए गेहूं नहीं बचा है साथ ही यूरिया की भी भारी कमी है। देश के हालात को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूस से गेहूं और चीन से यूरिया के आयात पर जोर दिया है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान ने यह साफ कर दिया है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ की ओर से रूप पर लगाए गए प्रतिबंध खाद्य पदार्थों पर लागू नहीं होते हैं।
इसे भी देखेंः पाकिस्तान में भय-भूख और भ्रष्टाचार जनता कर रही त्राहि-त्राहि
एक रिपोर्ट की माने तो, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने अधिकारियों को गवर्मेंट टू गवर्मेंट (G 2G) डील के आधार पर यूरिया आयात सौदे पर छूट के लिए चीनी अथॉरिटी से बात करने का निर्देश दिया है। हाल ही में एक कैबिनेट बैठक में चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि रूस से गेहूं का आयात G2G आधार पर होना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पाकिस्तान में खपत होने वाली इस फसल की गुणवत्ता अच्छे स्तर की हो।
वहीं, पाकिस्तान के विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने स्पष्ट किया है कि, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंध खाद्य पदार्थों पर लागू नहीं होते हैं और गेहूं के आयात पर रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत G2G आधार पर थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, चूंकि ये संयुक्त राष्ट्र के लगाए प्रतिबंध नहीं हैं, ऐसे में पाकिस्तान के लिए इन्हें मानना बाध्यकारी भी नहीं है।