पाकिस्तान के पास इस वक्त कोई मुद्दा है ऐसे में वह मिसाइल मामले को लेकर बयानबाजी करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान की हालत इस वक्त खस्ता है, कंगाली के हालत में मुल्क पर विश्व कर्जा बढ़ता जा रहा है। लेकिन, इमरान खान की सरकार को अब ऐसा मुद्धा मिल गया है जिससे वो अपनी जनता का ध्यान भटकाने का कोशिश कर रहे हैं। भारत ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जांच का आदेश दे दिया है लेकिन, इसके बाद भी पाकिस्तान दबाव बना रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद अब फिर से पाकिस्तान का बयान आया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान में गिरे भारतीय मिसाइल को लेकर फिर से सवाल उठाए हैं। कुरैशी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया को अपूर्ण और अपर्याप्त बताकर खारिज कर दिया है। उन्होंने एक बार फिर घटना की संयुक्त जांच की मांग की है। कुरैशी ने कहा है कि भारतीय रक्षामंत्री ने लोकसभा में जो कहा था वह अधूरा और अपर्याप्त है। यह पाकिस्तान को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं है। मैं इसे खारिज करता हूं और संयुक्त जांच की मांग करता हूं। उन्होंने आगे कहा है कि यह एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना कृत्य था और दिया गया जवाब भी उतना ही गैर-जिम्मेदाराना है।
भारतीय मिसाइल को लेकर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में 15मार्च को अपनी बात रखी है। राजनाथ सिंह ने 9मार्च को गलती से पाकिस्तान में गिरे भारतीय मिसाइल को लेकर कहा है कि, यह घटना निरीक्षण के दौरान एक मिसाइल के अनजाने में छोड़े जाने से संबंधित है। नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान लगभग 7बजे गलती से एक मिसाइल को छोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि, बाद में पता चला कि मिसाइल पाकिस्तान के क्षेत्र में गिरी थी। जबकि इस घटना के लिए हमें खेद है, हमें राहत है कि दुर्घटना के कारण किसी को चोट नहीं आई। सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है, औपचारिक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
इसके आगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि, इस जांच से दुर्घटना के सही कारण का पता चलेगा। यह भी बताना चाहूंगा कि इस घटना के मद्देनजर संचालन, रखरखाव और निरीक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा है कि हम अपने हथियार प्रणालियों की सुरक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाएगा।
बता दें कि, अब इस मिसाइल मामले को लेकर पाकिस्तान राजनीति कर रहा है और लगातार बयानबाजी कर रहा है। इसके लिए वो अपने सदाबहार दोस्त चीन को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि वह इस घटना को लेकर द्विपक्षीय वार्ता करना चाहता है। चीन भी इसपर कह रहा है कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर इस बारे में द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए।