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चीन की आर्थिक गुलाम है इमरान खान सरकार, पैदा होने से पहले ही 2 लाख का कर्जदार होता पाकिस्तानी बच्चा

चीन का गुलाम इमरान खान! GFX Courtesy Quora

गरीब देशों का आर्थिक संकट मोचक आईएमएफ के लिए पाकिस्तान एक बड़ी समस्या बन चुका है। आईएमएफ से खरबों रुपये का कर्ज ले चुका पाकिस्तान एक बार फिर कंगाली के कगार पर खड़ा है। वैसे तो अपनी पैदाइश के समय से पाकिस्तान कंगाल है। बंटबारे के समय अगर गांधी जी की जिद के कारण 55 करोड़ रुपये न मिले होते पाकिस्तान कश्मीर में कबालियों की शक्ल में अपनी फौज को भेजने की हिमाकत नहीं कर पाता। अगर वो पैसे न मिले होते तो पश्चिमी देशों के पुराने हथियार पाकिस्तान खरीदने का साहस नहीं कर पाता और कश्मीर जैसा मुद्दा भारत के लिए सिर दर्द नहीं बनता।

बहरहाल, पाकिस्तान की कंगाली का आलम यह है कि इस समय इमरान सरकार पर घरेलू और विदेशी कर्ज कुल मिलाकर 50 हजार अरब रुपये से अधिक हो चुका है। इस कर्ज के कारण पाकिस्तान चीन जैसे देशों का गुलाम बन चुका है। इस सच्चाई को कोई स्वीकार करे या न करें लेकिन पाकिस्तान के आलाकमान ही नहीं आम आदमी भी जानता है। पाकिस्तान में जो नया बच्चा जन्म लेता है वो अपने ऊपर लगभग दो लाख रुपये का कर्जा लेकर पैदा होता है।

पाकिस्‍तान के अमेरिका में राजदूत रह चुके हुसैन हक्‍कानी ने एक ट्वीट कर पाकिस्तान और बांग्लादेश की तुलना की। अपने ट्वीट में हक्कानी ने लिखा, 'पाकिस्तान आईएमएफ से 1958 के बाद से 22 बार कर्ज ले चुका है जिसमें 1988 के बाद 13 बार और 2000 के बाद पांच बार शामिल है। इसकी बांग्लादेश से तुलना करें तो उसे 1974 के बाद सिर्फ 10 बार आईएमएफ से कर्ज लेने की जरूरत पड़ी, जिसमें 2000 के बाद सिर्फ दो बार लिया लोन शामिल है।' हक्कानी पहले भी इमरान सरकार को खरी-खरी सुनाते रहे हैं।

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बांग्लादेश को पाकिस्तान के चंगुल से 1971 में मुक्त कराया गया था। पहले पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था। बांग्लादेश की जनसंख्या 16.47 करोड़ है और पाकिस्तान की आबादी 22.09 करोड़ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी पाकिस्तान बांग्लादेश से काफी बड़ा है। लेकिन जीडीपी के मामले मेंपाकिस्तान बहुत पीछे है। बांग्लादेश की जीडीपी 32,423.92 करोड़ डॉलर है। वहीं पाकिस्तान की जीडीपी 26,368.66 करोड़ डॉलर है।

विश्व बैंक की ऋण रिपोर्ट 2021 में पाकिस्तान को भारत और बांग्लादेश के मुकाबले काफी खराब रेटिंग की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान कर्ज के मामले में अब श्रीलंका के बराबर जाता दिखाई दे रहा है। चीन का कर्ज पहले से ही गर्त में डूबी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को और दबा रहा है। इस वित्तीय वर्ष के आखिरी में पाकिस्तान के ऊपर कुल विदेशी कर्ज 14 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा। इसमें लगभग आधा कर्ज चीनी बैंकों का है।