पाकिस्तान में इस वक्त आर्थिक संकट गहराता जा रहा है, ऐसे में देश में जनता का हाल बुरा है। क्योंकि, हर एक चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। पेट्रोल-डीजल के दामों में तो आग लगी हुई है। साथ ही खाने के तेल और डालडा तो 600 रुपये के पार चला गया है। इसके साथ ही आटा, चावल, दाल सब कुछ महंगा है। अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पाकिस्तान की नई सरकार पूरी कोशिश कर रही है। इस क्रम में वो एक बार फिर से अपने सदाबहार दोस्त ड्रैगन के शरण में जा पहुंचा है। ऐसा लगता है कि अब वो भी दिन दूर नहीं है जब पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था चीन के हाथों में होगी। पाकिस्तान ने चीन से 2.3 बिलियन डॉलर की मदद हासिल की है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने दावा किया कि चीनी बैंकों से पाकिस्तान को 2.3 बिलियन डॉलर की मदद ली है, जो उसके विदेशी मुद्रा भंडार संकट को मदद देगी। उन्होंने कहा कि, चीनी बैंकों की यूनियन से 2.3 बिलियन डॉलर का ऋण मिला है, जो केंद्रीय बैंक के खाते में जमा किया गया है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 15 अरब पाकिस्तान रुपया (करीब 2.3 अरब डॉलर) का चीनी ऋण आज स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के खाते में जमा कर दिया गया है। इससे हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबकि, पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार, उसका लिक्विड विदेश भंडार 17 जून को 14.21 अरब डॉलर था, जो 10 जून को 8.99 अरब डॉलर रह गया था। इस्माइल ने दो दिन पहले बताया। जब उन्होंने घोषणा की थी कि चीनी बैंकों ने पाकिस्तान के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए चीनी सरकार को भी धन्यवाद दिया था। इस मदद के बाद विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने चीनी नेतृत्व का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान के लोग अपने सदाबहार दोस्तों के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं।