पाकिस्तान आजकल बेहद संवेदनशील परिस्थितियों से गुजर रहा है। एक तरफ डीजीआईएसआई की तैनाती को लेकर बवाल मचा हुआ है तो दूसरी ओर तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के लॉंग मार्च से पाकिस्तान सरकार की नींद उड़ा रखी है।पीएम इमरान खान और सरकार के तमाम ओहदेदार देश से बाहर होने के कारण सारा दारोमदार शेख रशीद पर है।
शेख रशीद ने टीएलपी के सरबराओं से बात कर मामले का हल निकालने की कोशिश की थी, मगर टीएलपी ने कहा कि जब तक इमरान सरकार माफी के साथ उनके लीडर साद हुसैन रिज्वी को रिहा नहीं करती तब तक लॉंग मार्च जारी रहेगा। टीएलपी का लॉंग मार्च शनिवार की रात मुरीदके पहुंच चुका था। रविवार की सुबह लॉंग मार्च लाहौर की ओर आगे बढ़ा।
इस बीच खबर यह मिली है कि शनिवार को पुलिस के साथ हुई झड़प में मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। इनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की कि शनिवार को एक और पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि टीएलपी ने दावा किया कि लाहौर में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने पांच और कार्यकर्ताओं को मार डाला। एक दिन पहले पुलिसकर्मियों और इस्लामी कट्टरपंथियों के बीच हुई हिंसक झड़प में दो पुलिसकर्मियों और दो कट्टरपंथियों की मौत हो गई थी।
टीएलपी के पदाधिकारी इब्न-ए-इस्माइल ने कहा, लाहौर में पुलिस की गोलीबारी में टीएलपी के सात कार्यकर्ता मारे गए और 700 से अधिक लोग अभी तक जख्मी हुए हैं।