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कंगाल पाकिस्तान की टूटी कमर! इस महीने तक चुकाना होगा कर्ज, अब क्या करेंगे बड़बोले शरीफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) के हालात इस समय कुछ सही यही चल रहे है और वह अब खून के आंसू रो रहा है। पाकिस्तान में इस समय हाल बद से बदतर होते जा रहा है। मुल्क में गरीबों पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि रोटी के लिए जनता तरस रही है। क्योंकि, इस वक्त आटें का भाव रिकॉर्ड हाई पर है। इससे पहले पाकिस्तान में आटे की कीमत में इतना उछाल कभी नहीं देखा गया था। दरअसल पिछले कुछ समय सी पाकिस्तान में आर्थिक संकट (Financial crisis) लगातार गहराता जा रहा है। आलम यह है कि पाकिस्तानी जनता को आटा तक के लिए आपस में लड़ना-झगना पड़ रहा है। जी हां, लाहौर से एक ऐसी ही घटना का वीडियो सामने आया है जहां लोग आटे के लिए एक-दूसरे से संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। आटा के साथ ही पाकिस्तान के लोग ईंधन और बिजली की किल्लत का भी सामना कर रहे हैं।

दरअसल, अब जो खबर आ रही है उसमें कहा पाकिस्तान को अगले तीन महीनों में 3 अरब डालर का कर्ज चुकाना होगा। इस बीच पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घटता जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चीन ने 2 अरब डॉलर के सेफ डिपॉजिट के रोलओवर के लिए अपनी सहमति दे दी है। चीन के इस फैसले से कंगाल पाकिस्तान को थोड़ी बहुत राहत जरूर मिल गई है, लेकिन संकट अब भी पूरी तरह टला नहीं है।

पाकिस्तान को इस जून तक चुकाना होगा कर्ज

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, देश को मौजूदा तिमाही (अप्रैल-जून) में 3 अरब डॉलर के अपने बाहरी ऋण दायित्वों का भुगतान करना है। इस भुगतान को पाकिस्तान तभी कर सकता है, जब उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज मिल जाए। अगर आईएमएफ (IMF) से कर्ज नहीं मिलता है तो पाकिस्तान को किसी दूसरे माध्यम से कर्ज की तलाश करनी होगी।

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मई 2023 में देना होगा 753 मिलियन डॉलर

द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को अप्रैल 2023 में मूलधन और मार्क-अप राशि के रूप में 3.16 अरब डॉलर का भुगतान करना होगा। मई 2023 में यह बाहरी ऋण चुकाने की राशि बढ़कर 753 मिलियन डॉलर हो जाएगी। जून 2023 में कुल बाहरी ऋण चुकौती आवश्यकताएं 1.894 अरब डॉलर तक बढ़ जाएंगी। पाकिस्तान के बाहरी कर्ज के भुगतान में आईएमएफ से मिले कर्ज का ब्याज और मूलधन शामिल नहीं है। वहीं पाकिस्तान को एक तरफ रोलओवर सहित 23 अरब डॉलर के बाहरी कर्ज को चुकाना होगा, वहीं दूसरी ओर विदेशी ऋण के रूप में डॉलर लाने की क्षमता भी काफी कम हो गई है।