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तालिबान की शरण में पहुंचा पाकिस्तान, अखुंदजादा से मांगी मदद

TTP Attacks in Pakistan

TTP Attacks in Pakistan: कंगाल पाकिस्तान में इस वक्त एक ओर आर्थिक तबाही मची हुई है। तो दूसरी ओर उसके खुद के अपने आतंकी मुल्क को दहला रहे हैं। हाल यह है कि, पाकिस्तान इस वक्त अपने ही आतंकियों से परेशान है। पेशावर ब्लास्ट के बाद तो पाकिस्तान पूरी तरह से दहल उठा है। खबरों की माने तो, पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) (TTP Attacks in Pakistan) आतंकी समूह को नियंत्रित करने के लिए तालिबान के सर्वोच्च लीडर मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा के हस्तक्षेप की मांग करने का फैसला किया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पेशावर में एक सर्वोच्च समिति की बैठक के दौरान, नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने इस सप्ताह शहर में हुए नरसंहार के लिए प्रतिबंधित टीटीपी (TTP Attacks in Pakistan) को जिम्मेदार ठहराया था।

दहल उठा था पाकिस्तान
समिति ने इस मामले को उच्चतम स्तर पर अंतरिम अफगान सरकार के समक्ष उठाने का फैसला किया, एक स्पष्ट संदेश के साथ कि पाकिस्तान अब सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हालांकि टीटीपी ने पेशावर पुलिस लाइन्स की एक मस्जिद में सोमवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। शीर्ष समिति को दी गई एक ब्रीफिंग ने सुझाव दिया कि प्रतिबंधित संगठन वास्तव में हमले का मास्टरमाइंड था। खैबर पख्तूनख्वा (केपी) की राजधानी में गवर्नर हाउस में बैठक पुलिस लाइंस में एक घातक आतंकवादी हमले के मद्देनजर आयोजित की गई थी, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे, इनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे।

शहबाज शरीफ संग सेना प्रमुख भी बैठक में शामिल
इस बैठक में की अध्यक्षता प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की। इसमें सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर, डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट-जनरल नदीम अंजुम, पेशावर कॉर्प्स कमांडर, डीजीएमओ और अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य, चार प्रांतों, गिलगिल्ट-बाल्टिस्तान और पीओके के मुख्यमंत्री शामिल हुए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को इस महत्वपूर्ण बैठक में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुई।

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