पाकिस्तान वो मुल्क है जिसका कोई भी काम बिना भारत के नहीं होता। यहां नई राजनीति भी भारत के नाम पर शुरू होती है और खत्म भी भारत के नाम पर होती। पाकिस्तान कश्मिर राग हमेसा अलापता है और मुस्लिमों के लिए खतरा बताता है। असल में यहां आतंकवाद का पिता तो यही रहा है। घाटी को सुलगाने वाला पाकिस्तान कोई मौका नहीं छोड़ता जिससे की भारत को नुकसान न हो। पाकिस्तान पीओके और बलूच के लोगों को सही जिंदगी तो दे नहीं पा रहा है और बात भारत के कश्मीर का करता है। भारत ने अब जो चाल चली है उससे पाकिस्तान बौखला उठा है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर को लेकर जारी हुई परसीमन रिपोर्ट पर पाकिस्तान तिलमिला उठा है। पाक विदेश मंत्रालय ने भारत के प्रभारी राजदूत को समन किया है। साथ ही कहा है कि, वह परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को खारिज करता है। भारत सरकार ने परिसीमन आयोग को जम्मू-कश्मीर की विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के लिए सीमाएं निर्धारित करने का काम सौंपा है। तीन सदस्यों वाले आयोग का जिम्मा रिटायर्ड जज रंजना देसाई के हाथों में हैं। आयोग ने गुरुवार को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किया।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी एख बयान में कहा है कि, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के लिए तथाकथित परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। बयान में आगे कहा गया, भारतीय पक्ष को बताया गया कि पूरी कवायद हास्यास्पद है और इसे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के क्रॉस-सेक्शन द्वारा पहले ही खारिज कर दिया गया है। इस कोशिश का मकसद भारत द्वारा सिर्फ 5 अगस्त, 2019 के अपने अवैध कार्यों को वैधता देना है। भारत ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त कर दिया। जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
बता दें कि, मार्च 2020 में जम्मू-कश्मीर को लेकर परिसीमन आयोग का गठन किया गया। गुरुवार को आयोग ने अपने अंतिम आदेश में 90 सीटों वाली विधानसभा के तहत कश्मीर में विधानसभा सीट की संख्या 47 जबकि जम्मू में 43 रखने की अनुशंसा की। अंतिम आदेश में जम्मू में छह जबकि कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा गया है और साथ राजौरी-पुंछ के क्षेत्रों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाया गया है। इसी पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ।