पाकिस्तानी संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग आज रात 08:30 बजे होगी। इसका ऐलान स्पीकर ने किया है। वहीं सदन में विपक्ष जल्द से जल्द वोटिंग की मांग कर रहा है। आपको बता दें कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने आज ही अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाने का आदेश दिया है। अगर ऐसा नहीं होता है तो नेशनल असेंबली के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और सत्तापक्ष के वक्ताओं में से किसी के भी खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकता है। अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में हंगामे के बीच पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का एक भाषण की खूब चर्चा बटोर रहा है।
Can I also give example of India? @ImranKhanPTI https://t.co/cQiTOdbpkn
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) April 9, 2022
यूजर्स इस भाषण को शेयर कर इमरान खान को सुनने की सलाह दे रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि अगर इमरान खान भारत को अपना आदर्श मानते हैं तो उन्हें भारतीय राजनेताओं से सीखना चाहिए। वे अटल जी के 31 मई 1996 को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर दिए गए भाषण की क्लिप को शेयर कर इमरान खान को देखने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि इमरान खान को इस भाषण को सुनकर खुद के दिल की आवाज सुननी चाहिए। इसमें अटल जी ने एक वोट कम होने के कारण अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। आपको बता दें कि इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए भारत की जमकर तारीफ की थी।
अटल बिहारी वाजपेयी जी का एक भाषण तब है, जब वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे थे। 1996 के चुनाव के बाद 16 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। लेकिन उनकी सरकार संसद में बहुमत पाने से मात्र एक वोट से पीछे रह गई। इस कारण अटल जी को मात्र 13 दिन में ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था कि हमारा क्या अपराध है। हमें क्यों कठघरे में खड़ा किया जा रहा है? यह जनादेश ऐसे ही नहीं मिला है। हमने मेहनत की है, इसके पीछे वर्षों का संघर्ष है, साधना है। हम देश सेवा कर रहे हैं वो भी निस्स्वार्थ भाव से और पिछले 40 सालों से ऐसे ही करते आ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक-एक सीटों वाली पार्टियां कुकुरमुत्ते की तरह उग आती हैं। राज्यों में आपस में लड़ती हैं। दिल्ली में आकर एक हो जाती हैं। हम देश की सेवा के कार्य में जुटे रहेंगे। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जो कार्य हमने अपने हाथों में लिया है, उसे पूरा किए बिना विश्राम नहीं करेंगे। अध्यक्ष महोदय, मैं अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देने जा रहा हूं। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया है।
अब इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। क्रिकेटर से नेता बने खान 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे। हालांकि, वह वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था। पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।