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BrahMos को देख इमरान खान के उड़े तोते, आखिर मिसाइल को रोकने में क्यों नाकाम रहा पाकिस्तान?

Courtesy Google

पाकिस्तान इन दिनों मिसाइल को लेकर भारत पर सवाल उठा रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत की ओर से एक सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट उसके इलाके में क्रैश किया गया। जिससे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। मिसाइल पाकिस्तान के इलाके मियां चन्नू में गिरी। पाकिस्तान के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मिसाइल ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की वायु सेना लगातार भारत की तरफ से आ रहे सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट पर नजर बनाए थी।

ऐसे में एक सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान की वायुसेना भारत की तरफ से आ रहे ऑब्जेक्ट की निगरानी कर रही थी तो इसे मार क्यों नहीं गिराया? इसको लेकर एक्सपर्ट्स कहते है कि मिसाइल जिस तेज गति से पाकिस्तानी क्षेत्र में गई, पाकिस्तान के पास बहुत कम समय था कि वो इस पर किसी तरह की कार्रवाई करे।' एक्सपर्ट्स ने बताया कि फिलहाल पाकिस्तान और भारत के बीच किसी तरह के तनाव की स्थिति नहीं है, ये रेड अलर्ट की स्थिति नहीं है इसलिए पाकिस्तान मिसाइल की पहचान कर उसे गिरा नहीं पाया। वैसे भी जब कोई चीज इतनी तेजी से आ रही हो, तो आप बहुत कम चीजें कर पाते हैं।

इस मामले को लेकर भारत या पाकिस्तान की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आई है कि किस मिसाइल ने पाकिस्तान की हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने बस इतना कहा है कि भारत की तरफ से एक सुपरसोनिक मिसाइल ने उसके सीमा क्षेत्र का उल्लंघन किया। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये मिसाइल भारत की टॉप मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण था जिसे भारत ने रूस के साथ मिलकर विकसित किया है। उनका ये आकलन पाकिस्तान के बाबर इफ्तिकार की टिप्पणियों पर आधारित है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी क्षेत्र में आए मिसाइल ने 200 किलोमीटर की यात्रा की और 40 हजार फीट की ऊंचाई पर ध्वनि की गति से 2.5 गुना से 3 गुना तक यात्रा की।

आपको बता दें कि  ब्रह्मोस की अधिकतम गति भी इतनी ही है यानी ये मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक की स्पीड से लगभग तीन हजार 704किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरती है। इसकी अधिकतम ऊंचाई भी लगभग 50 हजार फीट है। आपको बता दें कि मिसाइल टेस्टिंग को लेकर दोनों देशों के बीच का साल 2005में समझौता हुआ था। समझौते के तहत, प्रत्येक देश को बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण से कम से कम तीन दिन पहले इसकी सूचना देनी होती है। ये समझौता सभी तरह के मिसाइल परीक्षणों के लिए लागू होता है चाहे वो सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल हो या सतह से समुद्र में मार करने वाली मिसाइल।

समझौते के अनुसार, मिसाइलों का प्रक्षेपण यानी जिस जगह से मिसाइल को छोड़ा जाना हो, वो जगह दोनों देशों की सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर होनी चाहिए. मिसाइल को गिराने का स्थान नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 75 किलोमीटर दूर होना चाहिए। हालांकि, पाकिस्तान ने कहा कि भारत की तरफ से उसे ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस घटना पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी प्रतिक्रिया दी है। पंजाब के हफिजाबाद जिले में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा- 'हम भारतीय मिसाइल के पाकिस्तान में गिराने का जवाब दे सकते थे, लेकिन हमने संयम बरता।'