एफएटीएफ की हथौड़े की चोट खाए पाकिस्तान को लगातार कोई न कोई चोट खानी पड़ रही है। अभी दो-तीन पहले की बात है। रूस और यूक्रेन ने युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे इंडियन स्टूडेंट्स को सेफ पैसेज देने पर रजामंदी जाहिर की और कहा कि जिन स्टूडेंट्स के हाथों में इंडिया का तिंरंगा होगा या जिनके वाहनों पर तिरंगा लगा होगा उनको सुरक्षित यूक्रेन का बॉर्डर पार कराया जाएगा। इतना ही नहीं पौलेण्ड, हंगरी और रोमानिया जैसे देशों ने कहा कि तिरंगा थामे स्टूडेंट्स को किसी तरह के वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें सुरक्षित एयरपोर्ट तक पहुंचाया जाएगा।
— Pakistan Embassy Algeria (@PakinAlgeria) March 2, 2022
यूक्रेन में भारत के अलावा पाकिस्तान और अन्य देशों के स्टूडेंट्स भी फंसे हुए हैं। वो भी अपने देश वापस लौटना चाहते थे। लेकिन बाकी देशों के साथ रूस-यूक्रेन की कोई संधि नहीं थी। नाक-नक्श और भाषा-बोली से अधिकांश पाकिस्तानी स्टूडेंट्स भारतीय लगते भी हैं। बस उन्होंने भी इंडिया का फ्लैग अपने सीने पर चिपकाया और निकल पड़े बॉर्डर की ओर। भारतीय तिरंगे की शान के गुणगान पाकिस्तानी अफसरों के सामने ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी किए। ऐसे ही एक सोशल मीडिय पोस्ट को देखकर अल्जीरिया में पाकिस्तान के दूतावास ने ट्वीट दाग दिया। इस ट्वीट में लिखा था। सभी दूतावासों का पैसा यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भेज दिया गया। लेकिन हमारे स्टूडेंट्स और नागरिक अपने सीने पर भारत का तिरंगा झण्डा छिपका कर जान बचा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सवाल पूछा कि क्या हम उन्हीं से ही पैसे भी मांग लें जो हमारे बच्चों की हिफाजत कर रहे हैं।
जब वो अपने तिरंगे की इस्तेमाल की इजाजत आपके नागरिकों को दे सकते हैं तो आपके भूखे-नंगे आवाम के लिए दो जून रोटी का भी जुगाड़ कर सकते हैं। यह ट्वीट जैसे ही शेयर हुआ वैसे ही पाकिस्तान में वायरल हो गया। पाकिस्तान की सोशल, प्रिंट और टीवी मीडिया ने हाथों-हाथ लेकर सुर्खियां बना दीं। वी-लॉगर्स की तो बाढ़ आ गई। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पिछली बार की तरह फिर अल्जीरिया के दूतावास की मिन्नतें कीं और ट्वीट हटवाने की गुजारिश की। ट्वीट को डिलीट करने के साथ ही एक सफाई भी दी गयी कि एकाउंट हैक कर लिया गया था…वगैरह-वगैरह! लेकिन तब तक पाकिस्तान और इमरान खान की इंटरनेशनल बेइज्जति तो हो ही चुकी थी।