पाकिस्तान का मंसूबा अफगानिस्तान को बर्बाद करने का है। ये बात फिर से साबित हो गया है कि पाकिस्तान भरोसे वाला मुल्क नहीं है। तालिबान भले ही पाक आर्मी और आईएसआई पर भरोसा करता हो, लेकिन पाकिस्तान उसे खत्म करने पर तुला हुआ है। इसका खुलासा एक रिपोर्ट से हुआ है। दरअसल, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अब अफगानिस्तान में छोटे-छोटे जिहादी समूहों को बढ़ावा देकर और उन्हें एक साथ लाकर तालिबान को कमजोर करने की कोशिश में है।
नई रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा ही संगठन है इस्लामिक इनविटेशन अलायंस (IIA), जिसे आईएसआई से फंडिंग मिलती है और यह 2020 में बना है। यह समूह एक साल से ज्यादा समय से अमेरिकी खुफिया एजेंसी के रडार पर है। हालांकि, इसे बनाने के पीछे मकसद अफगानिस्तान में तालिबान की जीत सुनिश्चित करना था लेकिन अब यह गठबंधन तालिबान को कमजोर करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। हाल ही में नई दिल्ली में भारत ने सात अन्य देशों के साथ मिलकर एनएसए स्तर की वार्ता की। इस बैठक में शामिल हुए Czar देशों (ज़ार देशों) ने एक असेसमेंट रिपोर्ट साझा की जिसके मुताबिक, अगले कुछ हफ्तों में तालिबान के अंदर चल रही गुटबाजी और बुरे दौर में पहुंच जाएगी। हालांकि, अधिकांश चर्चाएं बंद कमरें में हुई लेकिन अफगानिस्तान को लेकर कुछ मुख्य बातों पर सहमति जरूर बनी। बल्कि माना जा रहा है कि तालिबान में गुटबाजी की स्थिति उससे भी बदतर है, जितना अब तक सार्वजनिक हुई है।
हाल ही में नई दिल्ली में भारत ने सात अन्य देशों के साथ मिलकर एनएसए स्तर की वार्ता की। इस बैठक में शामिल हुए Czar देशों (ज़ार देशों) ने एक असेसमेंट रिपोर्ट साझा की जिसके मुताबिक, अगले कुछ हफ्तों में तालिबान के अंदर चल रही गुटबाजी और बुरे दौर में पहुंच जाएगी। हालांकि, अधिकांश चर्चाएं बंद कमरें में हुई लेकिन अफगानिस्तान को लेकर कुछ मुख्य बातों पर सहमति जरूर बनी। बल्कि माना जा रहा है कि तालिबान में गुटबाजी की स्थिति उससे भी बदतर है, जितना अब तक सार्वजनिक हुई है।