चीन को लेकर पेंटागन ने बड़ा खुलासा किया है। चीन ने दुनिया का अंधेरे में रखकर न्यूक्लियर फोर्स को काफी तेजी से बढ़ा रहा है। इस खुलासे के बाद दुनिया भर में खलबली मच गई है। पीपुल्स रिपब्लिक चाइना (पीआरसी) 2030 तक 1,000 से अधिक हथियार बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रही राजनयिक और सैन्य बातचीत के बावजूद चीन ने भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने दावों को साबित करने के लिए ‘सामरिक कार्रवाई करना’ जारी रखा है। इसके साथ ही उसने भारत को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को गहरा करने से रोकने की भी पूरी कोशिश की।
पेंटागन नियमित रूप से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीनी सैन्य गतिरोध पर अमेरिकी कांग्रेस को रिपोर्ट सौंपता है। उसने कहा कि चीन अपने पड़ोसियों खासतौर पर भारत के साथ आक्रामक व्यवहार कर रहा है। अपने पड़ोसियों को डराने के लिए चीन ने तिब्बत और शिंजियांग में मौजूद सुरक्षा बलों को पश्चिमी चीन में भेज दिया, ताकि उनकी सीमा पर तैनाती हो सके।
इस रिपोर्ट को 'मिलिट्री एंड सेक्युरिटी डेवलपमेंट्स इवॉल्विंग पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2021' नाम दिया गया है। इसमें बताया है कि 2020 में LAC पर भारत के सीमा गतिरोध के दौरान चीन ने हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क बिछाया स्थापित किया। इसका मकसद कम्युनिकेशन को तेज करना था और विदेशी घुसपैठ को लेकर अलर्ट रहना था। अमेरिका के पास अभी 3,750 परमाणु हथियार हैं और इसे बढ़ाने की उसकी कोई योजना नहीं है। 2003 तक अमेरिका के परमाणु हथियारों की कुल संख्या लगभग 10,000 थी। बाइडन प्रशासन अपनी परमाणु नीति की व्यापक समीक्षा कर रहा है।