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ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में हुई हत्याओं पर पाकिस्तान में ‘चुप्पी’, स्वात नेताओं ने लिए संसद, न्यायपालिका पर उठाये सवाल

एक रैली को संबोधित करते हुए पख़्तून नेता

पख़्तून नेताओं ने स्वात में आयोजित एक रैली में पिछले दो महीनों में ख़ैबर पख़्तूनख़्वा (केपी) में हुई हत्याओं पर “चुप” रहने के लिए संसद और न्यायपालिका,दोनों की आलोचना की है।

रैली का आयोजन स्वात ओलसी पसून (स्वात सार्वजनिक विद्रोह) द्वारा किया गया था और इसमें पूरे प्रांत के लोगों ने भाग लिया था।

नेशनल असेंबली के सदस्य अली वजीर, सीनेटर मुश्ताक़ अहमद ख़ान, और पश्तून तहफुज़ इस आंदोलन के प्रमुख मंज़ूर अहमद पश्तीन वक्ताओं में शामिल थे।

नेताओं ने प्रांत भर में हुए हाल के आतंकी हमलों की निंदा की, जिसमें कबाल क्षेत्र में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) के एक कार्यालय में विस्फोट शामिल है, जिसमें डॉन अख़बार के मुताबिक ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के कुर्रम ज़िले के एक स्कूल में हुए हमले में 17 लोगों की मौत हो गयी और इसमें शिया शिक्षकों की भी मौत हो गयी।

रैली के दौरान, एमएनए अली वजीर ने राज्य की नीतियों की आलोचना की, जिसके कारण देश भर ,ख़ासकर ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में आतंकवाद का पुनरुत्थान हुआ है।

पीटीएम के प्रमुख मंज़ूर पश्तीन ने आश्चर्य जताया कि सेना कई अभियानों के बावजूद आतंकवादियों को ख़त्म करने में कैसे असमर्थ रही।

वक्ताओं ने कहा कि वे ख़ैबर पख़्तूनख़्वा को फिर से आतंकवाद से प्रभावित नहीं होने देंगे।

केपी पुलिस के इस दावे को ख़ारिज करते हुए वक्ताओं ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की कि शॉर्ट सर्किट के कारण सीटीडी विस्फोट हुए।

ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में लोग पिछले कुछ महीनों से आतंकवाद के पुनरुत्थान के ख़िलाफ़ प्रांत के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।