पाकिस्तान की सत्ता में भले ही इमरान खान बने रहने में कामयाब रहे लेकिन, वह ज्यादा दिनों तक टिकने वाले नहीं हैं। क्योंकि, पाकिस्तान की सत्ता का रास्ता पाक आर्मी से होकर जाता है और इस वक्त इमरान खान एंड आर्मी चीफ कम जावेद बाजवा के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। ऐसे में अब बाजवा पूरी ताकत लगा देंगे इमरान खान को गद्दी से हटाने में। इमरान खान का ज्यादा झुकाव चीन की ओर है और बाजवा की महब्बत अमेरिका से है और इन दोनों के चक्कर में पाकिस्तान की आवाम पिस रही है।
पाकिस्तान में खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि, इमरान खान को सत्ता से बाहर करने में अमेरिका की कोशिशें कर रहा है और इसके लिए वो आर्मी चीफ बाजवा से टच में है। विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में जो घटनाक्रम चल रहा है वह उनके मुल्क के लिहाज से ना तो अप्रत्याशित है और ना ही नया। फिलहाल पाकिस्तानी मामलों के जानकारों का स्पष्ट रूप से यह मानना है कि सेना की शह पर ही एक बार फिर से पाकिस्तान में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल हो गए हैं।
जानकारों का कहना है कि, पाकिस्तान की सत्ता में अमेरिका की सहमति से ही शासन करते हैं। अमेरिका जब चाहा तो वहां पर पाकिस्तान शासक को न सिर्फ कमजोर कर दिया बल्कि उसके समानांतर एक दूसरी सत्ता खड़ी करके उसके हाथ में पाकिस्तान की सत्ता तक पहुंचने की पूरी रणनीति बनाई। पाकिस्तान की राजनीति को करीब से समझने वाले लोग यह अच्छे से जानते हैं कि, वहां की राजनीति भ्रष्टाचार और सत्ता लोलुपता शुरुआत से ही चरम पर रही है। इसके लिए पाकिस्तान के नेता और सेना हमेशा से ही पश्चिमी देशों के गोंद में बैठी रहती है।
जानकारों का यहां तक कि, जनरल अयूब खान से लेकर जनरल जिया उल हक और जनरल परवेज मुशर्रफ से लेकर नवाज शरीफ तक को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने में अमेरिका का योगदान रहा है। इस वक्त पाकिस्तान में जो चल रहा है उसका असर मुल्क पर पड़ रहा है। इमरान खान के चीन प्रेम ने देश में चीन की घुसपैठ मजबुत कर दी है। देश में इस वक्त महंगाई चरम पर है, विश्व बैंक में कर्ज बढ़ते जा रहा है। खाने-पीने से लेकर हर सामान के दाम उच्च स्तर पर है। लेकिन, राजनीति के आगे इस वक्त खान सरकार को इन सबसे कोई मतलब नहीं है। आने वाले दिनों में अमेरिका कोई नई चाल चलेगा और बाजवा जल्द नया प्रधानमंत्री घोषित कर देंगे।