पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आए या फिर जमीन पर इसका कारण उसके लिए भारत ही होता है। ये कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान अगर आज जिंदा है तो भारत की वजह से। अगर दुनिया में उसकी पुछ है तो भारत की वजह से। पाकिस्कान की राजनीति ही भारत के नाम से शुरू होती है और खत्म भी भारत के नाम से होती है। पाकिस्तान की सत्ता में कोई भी आए उसकी बुरी नजर में भारत रहता है। सत्ता से खदेड़ा जाता है तो भी उसका आरोप होता है कि भारत ने कोई चाल चली होगी। दुनिया में उसे बने रहने के लिए कश्मीर है ही। घाटी में जेहाद को फैलना वाला पाकिस्तान आज बौखलाया हुआ है क्योंकि, घाटी में भारतीय आर्मी आतंकियों को खोज-खोज कर मार रही है। पाकिस्तान अब एक बार फिर से कश्मीर का राग अलाप रहा है।
कश्मीर का राग अलापने वाला कोई और नहीं बल्कि, प्रधानमंत्री इमरान खान हैं। जिनके राजनीति का पाठ कभी भी खत्म हो सकता है। ऐसे में वो आखिरी दाव कश्मीर के नाम पर खेल रहे हैं लेकिन, दुनिया जानती है कि पाकिस्तान कितना बड़ा झूठा देश है। इस्लामाबाद में हो रही इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में इमरान ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। ये वही इमरान खान हैं जिन्हें कश्मीर तो दिखता है लेकिन, चीन के मुसलमानों को लिए वो अंधे हो गए हैं। चीन में उइगर मुस्लिमों का जो हाल है वो दुनिया जानती है। इमरान खान को डर लगता है कि अगर चीन के खिलाफ गए तो ड्रैगन उन्हें निगल जाएगा। जिस दौरान पर कश्मीर की राग अलाप रहे थे उस दौरान चीन में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर उनकी जुबान बंदल रही।
OIC की बैठक में सऊदी अरब ने भी कश्मीर को लेकर बयान दिया। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान ने कहा कि उनका देश कश्मीर के लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर विवाद के न्यायसंगत समाधान तक पहुंचने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास का समर्थन करते हैं। इमरान खान ने मुस्लिम देशों के 57 सदस्यीय निकाय OIC के विदेश मंत्री परिषद (CFM) के 48वें सत्र के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण दिया। इमरान ने कहा, हमने फलस्तीनियों और कश्मीर के लोगों दोनों के आगे फेल हुए हैं। मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि हम कोई प्रभाव नहीं डाल पाए हैं। वे हमें गंभीरता से नहीं लेते हैं, हम लोग विभाजित हैं और वे शक्तियां इसे जानती हैं।
इमरान खान ने कहा, हम 1.5 अरब लोग हैं, फिर भी हम फलस्तीन और कश्मीर पर कोई खास प्रभाव नहीं डाल रहे हैं। हमें एकजुट मोर्चा चाहिए, नहीं तो ये अत्याचार होते रहेंगे। उन्होंने कहा, हम 1.5 अरब लोग हैं और फिर भी इस घोर अन्याय को रोकने के लिए हमारी आवाज महत्वहीन है। हम किसी देश को जीतने की बात नहीं कर रहे हैं। हम केवल कश्मीर और फलस्तीन के लोगों के मानवाधिकारों के बारे में बात कर रहे हैं। इमरान की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और हांगकांग के लोगों सहित एक उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में व्यापार के अवसरों का पता लगाने के लिए पहुंचा हुआ है।