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Denmark में Pm Modi ने की दुनिया के हित की बात, यूज ऐंड थ्रो वाले माइंडसेट से बाहर निकलना होगा

Pm Modi in Denmark, यूज एंड थ्रो की मानसिकता से बाहर आना होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अपने तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस वक्त बड़े से बड़ा देश जुड़ना चाहता है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन से लेकर हर बड़ा देश भारत संग अपने रिश्ते को मजबूत करना चाहता है। भारत जितनी तेजी से हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है आने वाले दिनों में कई बड़े देशों को पीछे छोड़ सकता है और इसका अंदाजा दुनिया को हो चुका है। प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे के दूसरे दिन डेनमार्क पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि, दुनिया को बेहतर बनाने के लिए भारत और डेनमार्क की साझेदारी बहुत अहम है।

यूरोप दौरे के समय प्रधानमंत्री डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे तो उन्होंने भारतीयों से संवाद किया। पीएम मोदी ने कहा, दुनिया को बेहतर बनाने के लिए भारत और डेनमार्क की साझेदारी बहुत अहम है। क्लाइमेट को जो नुकसान हुआ है, उसमें भारत की भूमिका बहुत नगन्य है। दुनिया को तबाह करने में हिंदुस्तानियों की कोई भुमिका नहीं है। पीएम ने भाषण के दौरान डेनमार्क की प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का भी आभार जताया। पीएम मोदी ने कहा कि, LIFE यानी लाइफस्टाइल फॉर एन्वायरमेंट को प्रमोट करने का समय की सबसे बड़ी मांग है। इसके लिए यूज ऐंड थ्रो वाले माइंडसेट से बाहर निकलना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास स्केल और स्पीड के साथ शेयर ऐंड केयर की भी वैल्यूज हैं। इसलिए वैश्विक चुनौतियों से निपने के लिए भारत की क्षमता में निवेश करना पूरी दुनिया के हित में है।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, आज भारत जो कुछ भी हासिल कर रहा है, वो उपलब्धि सिर्फ भारत की नहीं है, बल्कि वो करीब वन-फिफ्थ ह्यूमेनिटी की उपलब्धि है। कल्पना कीजिए कि अगर भारत में हम वैक्सीनेशन को हर परिवार तक नहीं पहुंचा पाते, तो उसका दुनिया पर क्या असर होता? सबसे बड़ी बात ये है कि आज जो भी नया यूजर जुड़ रहा है, वो भारत के गांव से है। इसने भारत के गांव और गरीब को तो empower किया ही है, बहुत बड़े डिजिटल मार्केट का गेट खोल दिया है। ये नए भारत की रियल स्टोरी है। भारत को स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में शायद ही गिना जाता था; यह अब दुनिया में तीसरे स्थान पर है।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने डेनमार्क की कंपनियों को भारत में हरित प्रौद्योगिकी, कोल्ड-चेन, कचरे के उपयोग तथा जहाजरानी और बंदरगाह जैसे विभन्नि क्षेत्रों में कारोबार के विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।