प्रधानमंत्री मोदी ने आज ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन को संबोधित किया। पीएम ने अपने भाषण में पाकिस्तान को खूब लताड़ा। पीएम ने इमरान खान को खुब खरी-खरी सुनाई। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी चुनौतियां बढ़ता हुआ कट्टरपंथ हैं। इस बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित है। क्षेत्र की समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता है। अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों ने कट्टरपंथ से उत्पन्न चुनौती को और अधिक स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि एससीओ को इस्लाम से जुड़े उदारवादी, सहिष्णु तथा एवं समावेशी संस्थानों और परम्पराओं के बीच मजबूत सम्पर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा और विश्वास के लिए जरूरी है बल्कि युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।
समिट में पीएम मोदी ने कहा कि भारत सेंट्रल एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि लैंड लॉक्ड सेंट्रल एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है। कनेक्टिविटी की कोई भी पहल वन वे स्ट्रीट नहीं हो सकती। आपसी विश्वास सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को कंसल्टिव, पारदर्शी और भागीदारी वाला होना चाहिए। इनमें सभी देशों की टेरीटोरियल इंटीग्रिटी का सम्मान निहित होना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम इतिहास पर नज़र डालें, तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र मोडरेट और प्रोग्रेसिव कल्चर और वैल्यूज का गढ़ रहा है। सूफ़ीवाद जैसी परम्पराएं यहां सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी मोडरेट, टोलरेंट और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। इस सन्दर्भ में मैं एससीओ के RATS mechanism द्वारा किये जा रहे उपयोगी कार्य की प्रशंसा करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। मैं एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में ईरान का स्वागत करता हूं। मैं तीन नए संवाद भागीदारों- सऊदी अरब, मिस्र और कतर का भी स्वागत करता हूं।
एससीओ परिषद के सदस्य देशों के प्रमुखों की 21वीं बैठक शुक्रवार को हाइब्रिड प्रारूप में दुशांबे में आरंभ हुई। इसकी अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिये दुशांबे में हैं। एससीओ की इस बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग एवं सम्पर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।