Hindi News

indianarrative

जंग के बीच PM Modi ने इस देश की बात, लेकिन झटका China को क्यों लगा- देखें रिपोर्ट

जंग के बीच PM Modi ने इस देश की बात

दुनिया के सामने भारत की छवी पीछले कुछ सालों में काफी उपर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के उन ताकतवर नेताओं में शामिल हैं जो कुछ भी बोलें तो दुनिया उन्हें बड़े गौर से सुनती है। पीएम मोदी के आने के बाद से भारत इंटरनेशनल लेवल पर काफी मजबूत हुआ है। आज दुनिया भर के देश भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को लेकर दुनिया का भी मानना है कि यह युद्ध अगर कोई रोक सकता है तो वो हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। रूस और भारत लंबे समय से दोस्त रहे हैं और अमेरिका को यह बात आज भी खटकती है। रूस और यूक्रेन जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश से बात की है जो चीन के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव न्गूयेन फू त्रांग से बातचीत की है। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में जारी संकट पर विस्तार से चर्चा की और साथ ही दक्षिण चीन सागर की स्थिति और साझा हित के कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी फोन पर बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, पीएम मोदी ने भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विजन के लिए जरूरी पिलर के रूप में वियतनाम के महत्व को दोहराया और द्वपक्षीय संबंधों के दायरे को और ज्यादा बढ़ाने की मांग की।

इस दौरान भारत और वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ पर दोनों नेताओं ने बधाई दी। दोनों ने भारत और वियतनाम के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत व्यापक सहयोग की तेजी पर संतोष जताया। इस रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी के वियतनाम दौरे के समय हुई थी। पीएम मोदी ने वियतनाम के नेता के साथ बातचीत में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विजन के लिए वियतनाम के महत्व को एक बार फिर दोहराया और मौजूदा पहलों की तेजी से प्रगति के लिए काम करने के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों के दायरे को भी बढ़ाने की उम्मीद की।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने त्रांग से अपील की कि, वियतनाम के बाजारों में भारत के फार्मा और कृषि उत्पादों की पहुंच को और ज्यादा आसान और सुविधाजनक बनाया जाए। पीएम मोदी ने वियतनाम में चार स्मारकों के जीर्णोद्वार में भफारत की भागीदारी पर खुशी जाहिर की। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने यूक्रेन में जारी संकट और दक्षिण चीन सागर में मौजूदा स्थिति के अलावा, साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की।