Hindi News

indianarrative

PoK में भारी बारिश का क़हर, सरकारी सहायता बनी दूज की चांद  

यासीन तहसील, गिलगित बाल्टिस्तान में ग़िज़र ज़िले का हिस्सा, जहां बाढ़ में बह गये संकटग्रस्त लोगों के घर (फ़ोटो: सौजन्य: twitter/@NameMeSohail)

 Heavy rains in Pakistan Occupied Kashmir (PoK) :भारी बारिश और बिजली गिरने से पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में फ़सलों और संपत्तियों को भारी नुक़सान हुआ है, जिससे ग़रीब निवासियों को सरकार से कोई सहायता नहीं मिल पा रही है।

इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख जल प्रणाली पूरी तरह से तबाह हो गये हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय आबादी के लिए पीने के पानी की भारी कमी हो गयी है।

यहा के निवासियों को अपनी दैनिक ज़रूरतों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी की कमी के कारण गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और बाढ़ ने फ़सलों को व्यापक नुक़सान पहुंचाया है, जिससे खेत जलमग्न और नष्ट हो गये हैं।

इस क्षेत्र में रहने वाले एक शख़्स का कहना है, “भारी बारिश और बिजली गिरने से हमारी फ़सलों को भारी नुक़सान हुआ है। इस क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करने वाले दो प्रमुख जल प्रणाली पूरी तरह से नष्ट हो गये हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जलमार्गों को बहाल करके और हमें फ़सलों का मुआवज़ा देकर यहां के ग़रीब लोगों की मदद करें।”

ख़ासकर सांधी क्षेत्र इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। ग़रीब निवासी अपनी पीड़ा को कम करने के लिए सरकार और अन्य मानवीय संगठनों से मदद और सहायता की गुहार लगा रहे हैं।

एक अन्य निवासी बताता है, “हमें कुछ नहीं मिला है। न तो हमें फ़सलों का मुआवज़ा मिला और न ही अन्य नुक़सान की थोड़ी सी भी भरपाई हुई है। सरकार से पीड़ितों को सहायता प्रदान करने की हमारी पुरजोर अपील है।”

जहां तक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास, आपदा तैयारियों और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच की बात है, तो वर्षों से गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र को सरकार द्वारा हाशिए पर रखा गया है और इसकी अनदेखी की गयी है।

किसी  तरह का यहां कोई निवेश नहीं किया गया है और इस क्षेत्र पर दिये जाने वाले ज़रूरी ध्यान की कमी के परिणामस्वरूप यह समुदाय इन बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार नहीं है। अब, इस विनाशकारी स्थिति के सामने लोग ख़ुद को परित्यक्त महसूस कर रहे हैं और उन्हें अपने भाग्य पर छोड़ दिया गया है।