Heavy rains in Pakistan Occupied Kashmir (PoK) :भारी बारिश और बिजली गिरने से पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में फ़सलों और संपत्तियों को भारी नुक़सान हुआ है, जिससे ग़रीब निवासियों को सरकार से कोई सहायता नहीं मिल पा रही है।
इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख जल प्रणाली पूरी तरह से तबाह हो गये हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय आबादी के लिए पीने के पानी की भारी कमी हो गयी है।
यहा के निवासियों को अपनी दैनिक ज़रूरतों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी की कमी के कारण गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और बाढ़ ने फ़सलों को व्यापक नुक़सान पहुंचाया है, जिससे खेत जलमग्न और नष्ट हो गये हैं।
Please avoid to visit Northern Areas / GB, due to heavy Rain Skardu, Diymar, Gilgit, Chillas, Chitral, Sawat and AJK are badly affected, Land Sliding caused several roads closure pic.twitter.com/AHPgeFllTr
— SHAMS MAKHANI (@ShamsMakhani) July 24, 2023
इस क्षेत्र में रहने वाले एक शख़्स का कहना है, “भारी बारिश और बिजली गिरने से हमारी फ़सलों को भारी नुक़सान हुआ है। इस क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करने वाले दो प्रमुख जल प्रणाली पूरी तरह से नष्ट हो गये हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि जलमार्गों को बहाल करके और हमें फ़सलों का मुआवज़ा देकर यहां के ग़रीब लोगों की मदद करें।”
ख़ासकर सांधी क्षेत्र इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। ग़रीब निवासी अपनी पीड़ा को कम करने के लिए सरकार और अन्य मानवीय संगठनों से मदद और सहायता की गुहार लगा रहे हैं।
#China's illegal #CPEC road passing through occupied #GilgitBaltistan has been swept away at multiple points due to heavy rains & floods.
The presence of Pak- China alliance in the region is only to plunder land and resources! #CPEC is a facade!@amritabhinder @fatima_sherine pic.twitter.com/CI8aUm5PbF
— Hinna Nazir (@HinnaNazir) August 2, 2023
एक अन्य निवासी बताता है, “हमें कुछ नहीं मिला है। न तो हमें फ़सलों का मुआवज़ा मिला और न ही अन्य नुक़सान की थोड़ी सी भी भरपाई हुई है। सरकार से पीड़ितों को सहायता प्रदान करने की हमारी पुरजोर अपील है।”
जहां तक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास, आपदा तैयारियों और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच की बात है, तो वर्षों से गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र को सरकार द्वारा हाशिए पर रखा गया है और इसकी अनदेखी की गयी है।
किसी तरह का यहां कोई निवेश नहीं किया गया है और इस क्षेत्र पर दिये जाने वाले ज़रूरी ध्यान की कमी के परिणामस्वरूप यह समुदाय इन बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार नहीं है। अब, इस विनाशकारी स्थिति के सामने लोग ख़ुद को परित्यक्त महसूस कर रहे हैं और उन्हें अपने भाग्य पर छोड़ दिया गया है।