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पाकिस्तान में गिरफ़्तारियों का सिलसिला : पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इस्लामाबाद में गिरफ़्तार

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फ़ोटो: सौजन्य: Twitter/@SMQureshiPTI)

पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री, पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष मखदूम शाह महमूद क़ुरैशी को गुरुवार को इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया और एक अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया।

पार्टी ने गुरुवार को ट्वीट किया, “तहरीक़-ए-इंसाफ़ के उपाध्यक्ष मख़दूम शाह महमूद क़ुरैशी को इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है और एक अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।” पाकिस्तान स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अख़बार के मुताबिक़, पीटीआई नेता को बुधवार दोपहर पुलिस के असफल प्रयास के बाद इस्लामाबाद के गिलगित-बाल्टिस्तान हाउस से हिरासत में ले लिया गया।

क़ुरैशी पुलिस को पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में दंगों और आगजनी के मामलों में वांछित हैं।

गिरफ़्तारी से पहले क़ुरैशी ने पीटीआई कार्यकर्ताओं से देश में सच्ची आज़ादी के लिए अपना संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया। एक संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि उन्होंने कुछ भी ग़लत नहीं किया है। पीटीआई नेता ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में 50 लोगों के हताहत होने पर दुख और शोक व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि एक सार्थक कारण के लिए बलिदान की आवश्यकता होती है और पीटीआई और उसके कार्यकर्ता ऐसे वाजिब मक़सद के लिए अपना काम जारी रखेंगे। उन्होंने पीटीआई कार्यकर्ताओं से वास्तविक आज़ादी के लिए अपना संघर्ष जारी रखने और इमरान ख़ान के रिहा होने तक इस महान उद्देश्यों में अपने रुख़ पर बने रहने को कहा।

क़ुरैशी ने ज़ोर देकर कहा कि कोर कमांडर लाहौर की घटना का आरोप उनके और इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ ग़लत आरोप है, पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत रहने और अपने मक़सद पर टिके रहने का आह्वान किया।

पीटीआई नेता ने एक बयान दिया था कि कि पीटीआई वास्तविक स्वतंत्रता के लिए एक आंदोलन है और सभी ने इसमें योगदान दिया है।

“सभी संगठनों, टिकट धारकों और कार्यालय-धारकों से अनुरोध है कि वे हिम्मत न हारें और मैदान में डटे रहें। हमने पहले भी क़ानून को अपने हाथ में नहीं लिया है और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगे।”

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, क़ुरैशी ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को याद दिलाते हुए अपने संदेश पर प्रकाश डाला कि उन्होंने हर मंच पर एक विदेशमंत्री के रूप में पाकिस्तान के हितों का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि वह व्यावहारिक राजनीति में 40 साल से हैं और उन्हें यक़ीन है कि पीटीआई का संघर्ष अपनी मंज़िल तक पहुंचेगा।

इस बीच पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फ़वाद चौधरी को बुधवार को इस्लामाबाद में सुप्रीम कोर्ट (एससी) के बाहर गिरफ़्तार किया गया, जियो न्यूज़ ने बताया।

पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर चल रही कार्रवाई के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ़्तारी से बचने के लिए फ़वाद चौधरी सुबह 11 बजे (स्थानीय समयानुसार) पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के अंदर मौजूद थे।

शीर्ष अदालत परिसर से बाहर आने के बाद चौधरी को गिरफ़्तार कर लिया गया। इस्लामाबाद पुलिस ने चौधरी को मेंटेनेंस ऑफ़ पब्लिक ऑर्डिनेंस (एमपीओ) की धारा 3 के तहत गिरफ़्तार किया और उन्हें सचिवालय पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया।

पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ ने ट्वीट किया, “12 मई तक आईएचसी से सुरक्षात्मक ज़मानत होने के बावजूद एसवीपी @फवाद चौधरी को सुप्रीम कोर्ट के बाहर गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान में जंगल का क़ानून चल रहा है।”

अपनी गिरफ़्तारी से पहले पत्रकारों से बात करते हुए पीटीआई नेता फ़वाद चौधरी ने कहा कि वकीलों का समुदाय कमज़ोर हो गया है, क्योंकि उनके बीच आपसी कलह है। जियो न्यूज़ से उन्होंने कहा, “कभी भी किसी याचिकाकर्ता को इस तरह से गिरफ़्तार नहीं किया गया है।” । उन्होंने आगे कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले उनकी अग्रिम ज़मानत को मंज़ूरी दे दी थी, जिसे उन्होंने दिन में इस्लामाबाद पुलिस को दिखाया था।

जियो न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी से देश में विभाजन हुआ है। उन्होंने कहा कि संवाद का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राजनीतिक विरोधियों को जगह दी जानी चाहिए। फ़वाद चौधरी की गिरफ़्तारी से पहले आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने पीटीआई महासचिव असद उमर को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ़्तार किया था।

मंगलवार को पीटीआई के अध्यक्ष ख़ान को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया और पुलिस लाइन मुख्यालय में जवाबदेही अदालत में पेश किया गया। जवाबदेही ब्यूरो पुलिस लाइन में पूर्व प्रधानमंत्री से पूछताछ करेगा। इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। विरोध प्रदर्शनों के कारण संपत्तियों का व्यापक नुक़सान हुआ है।