पाकिस्तान इन दिनों अपने सबसे बुरे आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। यहां आलम यह है कि देश भारी बिजली संकट का सामना कर रहा है और किसी भी वक्त यहां पर इंटरनेट सेवाएं बंद हो सकती है। बिजली गुल होने के बीच दूरसंचार ऑपरेटरों तक ने मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद करने की चेतावनी दे दी है। देश के प्रमुख शहरों को लगातार बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते टेलीकॉम ऑपरेटरों ने देश में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बंद करने की चेतावनी दी है। इस बीच पाकिस्तान मदद मांगने के लिए तालिबान के पास गया है। जहां से ऐसा झटका मिला है कि पाकिस्तान इसके बारे में कभी सोच भी नहीं सकता है।
महंगी बिजली से परेशान पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान से सस्ता कोयला मंगाना चाहती थी। इसकी भनक लगते ही तालिबान ने कोयले के दाम 30 फीसदी बढ़ा दिए। पाकिस्तान को मजबूरन अपनी जनता को महंगी बिजली देने के लिए मजबूर रहना पड़ेगा। तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता हासिल करने के बाद लंबे समय तक अपने दोस्त रहे पाकिस्तान को कई मौकों पर झटका दिया है। वैसे भी यह सब करा-धरा पाकिस्तान का ही। उनके तालिबान का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान से लगती अफगानिस्तान की सीमा तारबंदी शुरू कर दी जिसके बाद से दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया।
कोयले की बात करें तो, पाकिस्तान ने जब मदद मांगनी चाहिए तो इससे पहले ही तालिबान अपना फायदा देखते हुए कोयले के दाम बढ़ा दिए। इसपर तालिबान का कहना है कि, देश की अर्थव्यवस्था इस समय चौपट है और इसकी वजह अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं मिल रही हैं। इसलिए कोयले के दाम बढ़ा दिए गए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि तालिबान की सरकार अपना 30 फीसदी कस्टम ड्यूटी कोयला का निर्यात करके हासिल करती है। तालिबान पर कई प्रतिबंध लगे हैं, इस वजह से वह अब प्राकृतिक संसाधनों की मदद से कमाई बढ़ाना चाहता है।
तालिबान शासित अफगानिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कोयले के दाम को 90 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 200 डॉलर प्रति टन कर दिया है। अफगान मंत्रालय ने कहा कि दुनियाभर में कोयले के दाम में बढ़ने की वजह से उन्होंने यह दाम बढ़ाया है। उधर, शहबाज शरीफ उम्मीद लगाए बैठे थे कि अफगानिस्तान से सस्ते कोयले के आयात से 2 अरब डॉलर की बचत होगी। पाकिस्तान की ओर से एक बयान में कहा गया था कि, अच्छी गुणवत्ता वाले इस अफगानी कोयले से न केवल सस्ती बिजली मिलेगी बल्कि देश बहुत जरूरी विदेशी मुद्रा भी बचेगी। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान को तालिबान ने करारा झटका दे दिया।