भारत में हर धर्म के लोगों के रहने की और बोलने की आजादी है। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि देश के खिलाफ ही बोलना शुरू कर दें और खड़े हो जाए। पिछले कुछ सालों से देश में कट्टरपंथी काफी एक्टिव हो गए हैं ये देश की भाषा नहीं बल्कि पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। इन्हें अपनी राजनीति चमकानी होती है। इनके रोजी रोटी का जरिया ही यही है। लेकिन, इसमें फंसते हैं देश के लाखों मासूम मुसलमान। जो बिना तथ्य को जाने ही हिंसा या फिर किसी भी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं। एक रिपोर्ट की माने तो जो मुसलमान कुरान और हदीस के बारे में बात करते हैं असल में ज्यादातर मुसलमानों को इसकी असल जानकारी ही नहीं है। यही वजह है कि, जब नूपुर शर्मा ने प्रोफेट मुहम्मद के बारे में कहा तो इससे न सिर्फ देश के मुस्लिम बल्कि दुनिया भर के मुस्लिम देशों को आग लग गई। मुस्लिम देश भारत को पाठ पढ़ाने लगे। हालांकि, भारत को अच्छे से पता है कि कब क्या करना है। इस बीच ईरान ने इस मामले में जुड़े एक ट्वीट को डिलीट कर दिया है।
इसमें कहा गया था कि, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है। बीजेपी के दो पूर्व नेताओं के बयान की खाड़ी देशों ने खूब निंदा की है। वहां इनकी टिप्पणियों का खूब विरोध हो रहा है। बीजेपी ने दोनों नेताओं में से एक को पार्टी से निलंबित कर दिया है, जबकि दूसरे को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
ईरान ने अपने विदेश मंत्री आमिर हुसैन अब्दुल्लाहिन की एनएसए अजीत डोभाल के साथ हुई बैठक का रीडआउट डिलीट कर दिया है। जिसमें कहा गया था कि ये मामला (पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी) भारत और डोभाल के समक्ष उठाया गया था। जिन्होंने तहरान को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हमने ये साफ कर दिया है कि वह ट्वीट और बयान भारत सरकार के विचार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि, हमने अपने वार्ताकारों को भी अवगत कराया है कि संबंधित क्वार्टर्स द्वारा उन लोगों के खिलाफ कार्रावई कई गई है, जिन्होंने ट्वीट किए या फिर बयान दिए हैं
उन्होंने कहा कि, मेरे पास इसपर बताने के लिए इसके अलावा और कुछ नहीं है। डोभाल के साथ हुई बैठक को लकेर ईरान ने जो बयान जारी किया है, उसपर पूछे गए सवाल के जवाब में बाग्ची ने कहा, मुझे यही पता है कि आप जिस रीडआउट की बात कर रहे हैं, उसे हटा दिया गया है। हालांकि ईरान का सरकारी मीडिया इस रीडआउट में कही बातों को लगातार दिखा रहा है।