क्या रूस ने अपनी लोकप्रियता बनाए रखने के लिए यूक्रेन के चार बड़े इलाकों को रूस में शामिल (Putin Annex Ukraine) कर लिया है? क्या पश्चिम को अपनी ताकत दिखाने और रूस के खिलाफ चल रहे प्रोपागण्डा रोकने के लिए पुतिन ने डोनेस्क, लुहान्सक झापोरेज्झिया और खेरसान को रूस में शामिल (Putin Annex Ukraine) किया है, या वास्तव में रूस ने यूक्रेन पर विजय हासिल की है। इतना ही नहीं पुतिन ने इन क्षेत्रों रूस में शामिल (Putin Annex Ukraine) करने के बाद भी ने यूक्रेन से भी अपील की कि वो जंग की राह छोड़ दे और समझौता टेबुल पर आकर बैठे।
क्रेमलिन में आयोजित भव्य समारोह के साक्षी लाखों रूसी नागरिक ही नहीं बल्कि दुनिया बनी। अलजजीरा और सीएनएन जैसे मीडिया सवाल उठा रहे हैं कि क्या दुनिया रूस के इस कदम को मान्यता देगी? इस सवाल पर सवाल उठता है कि पश्चिमी मीडिया के भोंपू बने मीडिया को यह हक किसने दिया कि वो सवाल उठाएं? इवेंट हुई है उसे रिपोर्ट करें, अमेरिका, नाटो या पश्चिम देश तो सवाल उठाएंगे ही! रूस के कदम पर सवाल उठाने वाले मीडिया हाउस यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से सवाल पूछने का साहस और ईमानदारी दिखा सकते है? क्य वो उनसे पूछ सकते हैं कि रूस को मिलिट्री ऑपरेशन के लिए बाध्य कर ने उन्हें हजारों सैनिकों और नागरिकों की मौत यूक्रेन की बर्बादी के तगमे के अलावा कोई तगमा मिल सका है? अगर पहले वो रूस के मकड़जाल में फंस रहे थे अब उनके माथे पर पश्चिम का लूजर पिछलग्गू के अलावा कुछ और लिखा है क्या?
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बहरहाल क्रेमलिन में आयोजित एक भव्य समारोह में रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर जीत का ऐलान कर दिया। इसी जीत के साथ रूस ने यूक्रेन के नक्शे को बदल दिया। लाखों लोगों के सामने पुतिन ने डोनेस्क, लुहान्सक, झापोरेज्जिया और खेरसान के प्रशासकों के नाम का ऐलान किया और कहा कि अब इन क्षेत्रों के नागरिक रूसी नागरिक हैं। इन क्षेत्रों पर किया गया हमला रूस पर हमला होगा। क्रेमलिन में विजय महोत्सव के जरिए पुतिन ने अमेरिका, नाटो और अन्य पश्चिमी देशों को बता दिया है कि रूस न किसी के रोके रुका है और न झुका है और न रुकेगा और न ही झुकेगा।
पुतिन ने इस मौके पर कहा कि रूस के साथ चार क्षेत्रों के निवासियों की पीढ़ियों की ऐतिहासिक एकता पर भी आधारित है। पुराने रूस से लेकर कैथरीन द ग्रेट तक, द्वितीय विश्व युद्ध तक का जिक्र किया। उन्होंने फरवरी 2014 में कीव में तख्तापलट के बाद पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में 2014 समर्थक रूसी अशांति का जिक्र करते हुए कहा, “हम हमेशा रूसी वसंत के नायकों को याद करेंगे।” जो अपनी मातृभाषा में अधिकार के लिए मरे, अपनी संस्कृति, परंपराओं, अपने विश्वास को बनाए रखने के लिए। उनके जीने के अधिकार के लिए। “इसमें डोनबास के लड़ाके, ‘ओडेसा खतिन’ के शहीद, अमानवीय आतंकवाद के शिकार शामिल हैं। इसमें स्वयंसेवक और मिलिशियामेन, नागरिक, महिलाएं और बच्चे, बुजुर्ग शामिल हैं। रूसी, यूक्रेनियन, विभिन्न राष्ट्रीयताओं के लोग भी शामिल हैं।
यूक्रेन पर रूस की जीत के गर्व से भरे पुतिन ने कहा कि रूस अपने नागरिकों और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने वादा किया कि इन इलाकों में यूक्रेनी हमले से बर्बाद हुए अस्पताल, स्कूलों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों का फिर से निर्माण किया जाएगा। उन्होंने युद्ध में मारे गए रूसी सैन्य अधिकारियों और डोनबास के नागरिकों को शहीद का दर्जा दिया और भाषण के दौरान उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा।